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________________ वोसट्टो (विकसितः) = विकास पाया हुआ | मुक्को । (मुक्तः) त्याग किया हुआ, निमिअं (स्थापितम्) स्थापना किया | मुत्तो । छुड़ाया हुआ हुआ | मुद्धं (मुग्धम्) मोहित, मूर्ख निसुट्टो (निपातितः) मारा हुआ, लुअं (लूनम्) काटा हुआ गिराया हुआ पम्हुट्ठो (दे. विस्मृतं) नष्ट, भूला हुआ | सक्को। (शक्तः) = समर्थ पल्हत्थं । (पर्यस्तम्) फेंका हुआ, | सत्तो । पल्लोटें दूर किया हुआ सणिद्धं ) (स्निग्धम्) = मायालु, फुडं (स्पृष्टम्) स्पर्श किया हुआ सिणिद्धं । स्नेहालु फुडं (स्पष्टम्) स्पष्ट किया हुआ निधं । मिलाणं (म्लानम्) सूखा हुआ, सिलिट्ठो (श्लिष्टः) भेंटा हुआ मुरझाया हुआ, खिन्न सुत्तो (सुप्तः) सोया हुआ कर्तरि भूतकृदन्त 5. कर्मणि भूतकृदन्त को वंत प्रत्यय लगाने से कर्तरि भूतकृदन्त बनता है | उदा. गय-गयवंतो (गतवान्), सुय-सुयवंतो (श्रुतवान्) कर्मणि वर्तमानकृदन्त 6. धातु के कर्मणि अंग को पुंलिंग-नपुंसकलिंग में न्त-माण प्रत्यय और स्त्रीलिंग में ई, न्ती, न्ता, माणी, माणा प्रत्यय लगाने पर कर्मणि वर्तमान कृदन्त बनता है, ये प्रत्यय लगने पर पूर्व अ का विकल्प से ए होता है | उदा. पुंलिंग नपुंसॉकलिंग | स्त्रीलिंग हसिज्ज - हसिज्जन्तो । हसिज्जन्तं हसिज्जई, हसिज्जेई हसिज्जेन्तो । हसिज्जेन्तं हसिज्जन्ती, हसिज्जेन्ती हसिज्जमाणो हसिज्जमाणं हसिज्जन्ता हसिज्जन्ता हसिज्जेमाणो हसिज्जेमाणं हसिज्जमाणी, हसिज्जेमाणी हसिज्जमाणा, हसिज्जेमाणा हसीअ - हसीअन्तो हसीअन्तं हसीअई, हसीएई हसीएन्तो हसीएन्तं हसीअन्ती, हसीएन्ती हसीअमाणो | हसीअमाणं हसीअन्ता, हसीएन्ता • १४५
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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