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________________ 32. सतेसु जायते सूरो, सहस्सेसु य पंडिओ | वत्ता सयसहस्सेसु, दाया जायति वा न वा ।। 33. इंदियाणं जए सूरो, धम्मं चरति पंडिओ | वत्ता सच्चवओ होइ, दाया भूयहिए रओ || प्राकृत में अनुवाद करें 1. 2. यदि उसने जहरवाला भोजन किया होता तो वह मृत्यु प्राप्त करता । यदि तुमने जिनेश्वर के चरित्र सुने होते तो धर्म प्राप्त करते । 3. अभिमन्यु जिन्दा होता तो कौरवों की पूरी सेना को जीत लेता । यदि उसको तत्त्वों का ज्ञान होता तो वह धर्म प्राप्त करता । 4. 6. 5. यदि आप उस समय बंधन में से छोड़ते तो मैं सत्य बोलता । रावण ने परस्त्री का त्याग किया होता तो वह नहीं मरता । ज्ञाता के पास उसने तत्त्वों का ज्ञान प्राप्त किया । 7. 8. मैं तालाब में से कमल लूंगा और माता और बहन को दूंगा । 9. माता और पिता के साथ जिनालय में जाऊँगा और चैत्यवंदन करूंगा । 10. लक्ष्मण के भाई राम ने दीक्षा ली और मोक्ष प्राप्त किया । 11. बहू को ननन्द पर अतिस्नेह है । 12. गरीबों को पालनेवाले थोड़े ही होते हैं । 13. विधाता के लेख का कोई भी उल्लंघन नहीं करता है । 14. कुरूप बालकों पर माता का अतीव स्नेह होता है । 15. जैसे बधिरों (बहरों) के आगे गायन निष्फल है वैसे मूर्ख पुरुषों के आगे तत्त्वों की बातें निष्फल हैं । 16. प्रतिदिन बहुत प्राणी मरते हैं, तो भी अज्ञानी 'हम मरनेवाले नहीं हैं' ऐसा मानते हैं, इससे दूसरा आश्चर्य क्या है ? 17. निमित्त को जाननेवाले ने उसके ललाट में अच्छे लक्षण देखे और कहा कि तुम राजा बनोगे । 18. वह वेश्या में आसक्त नहीं होता तो धर्म से पतित नहीं होता । 19. मूर्ख भी धीरे-धीरे उद्यम करने से होशियार बनता है । १२८
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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