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________________ हसेहिमो-मु-म, हसेहिस्सा, हसेहित्या द्वि. पु. हसिहिसि, हसिहिसे, हसिहित्था, हसिहिह, हसेहिसि, हसेहिसे, हसेहित्या, हसेहिह, हसिस्ससि, हसेस्ससे, हसिस्सह, हसेस्सह हसेस्ससि, हसेस्ससे तृ. पु. हसिहिइ, हसिहिए, हसिहिन्ति-न्ते, हसिहिरे, हसेहिइ, हसेहिए, हसेहिन्ति-न्ते, हसेइरे, हसिस्सइ, हसिस्सए, हसिस्सन्ति-न्ते, हसेस्सइ, हसेस्सए हसेस्सन्ति-न्ते ज्ज, ज्जा लगाने के बाद - सर्वपुरुष । हसेज्ज, हसेज्जा, सर्ववचन । हसिज्ज, हसिज्जा ने धातु के रूप एकवचन बहुवचन नेस्सं, नेस्सामि, नेस्सामो, मु-म, नेहामि, नेहिमि नेहामो-मु-म नेहिमो-मु-म नेहिस्सा, नेहित्था द्वि. पु. नेहिसि, नेहिसे, नेहित्था, नेहिह, नेस्ससि, नेस्ससे नेस्सह तृ. पु. नेहिइ, नेहिए. नेहिन्ति-न्ते, नेहिरे नेस्सइ, नेस्सए नेस्सन्ति, नेस्सन्ते प्र. पु. + पुरुषबोधक प्रत्ययों के पूर्व अ लगाने के बाद नेअ अंग के रूप प्र. पु. एकवचन - नेइस्सं, नेइस्सामि, नेइहामि, नेइहिमि, नेएस्सं, नेएस्सामि, नेएहामि, नेएहिमि इसी तरह सर्वपुरुष सर्ववचन में रूप बनाने चाहिए । + प्रत्ययों के पूर्व और स्थान में ज्ज, ज्जा लगाने के बाद - १०५ a
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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