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________________ सरस्सई (सरस्वती) = वाणी देवी, | सुण्हा ) (स्नुषा) = पुत्रवधू सरस्वती देवी सुसा समाहि (समाधि) = चित्त की स्वस्थता, ण्हुसा ) मन की शान्ति सिरी (श्री) = लक्ष्मी सासू (श्वश्रू) = सास सुहा (सुधा) = अमृत सिक्खा (शिक्षा) = शिक्षण, दण्ड सेणा (सेना) = सेना, सैन्य, लश्कर सेवा (सेवा) = सेवा, भक्ति हिरी (हीरी) = लज्जा, शर्म कुमार (पुलिंग) अत्य (अस्त) अस्ताचल पर्वत पहाव (प्रमाव) = प्रभाव, शक्ति, सामर्थ्य अहि (अहि) सर्प, साँप बाहु (बाहु) = हाथ, भुजा आहार (आधार) आधार, आलम्बन, रक्खस (राक्षस) = राक्षस आश्रय |विक्कम (विक्रम) = विक्रमराजा कुमर । (कुमार) कुमार विवाअ (विवाद) = चर्चा , वाग्युद्ध, वादविवाद दुज्जोहण (दुर्योधन) विशेषनाम, सिमि(वि)ण (स्वप्न) = स्वप्न सुमि(वि)ण पंडव (पांडव) पाण्डव, पाण्डु के पुत्र हेमचन्द (हेमचन्द्र) = श्री हेमचन्द्रसूरिजी (नपुंसकलिंग) अत्थ (अस्त) = अंतर्धान, मृत्यु दाहिणपास (दक्षिणपार्थ) = दाहिनी ओर असाय (अशात) = दुःख, पीड़ा देवालय (देवालय) = देव का मन्दिर उग । = (उदक) पानी सवण (श्रवण) = सुनना उदग |साय (शात) = सुख दुर्योधन पुंलिंग + नपुंसकलिंग आगास (आकाश) = आकाश विसेस (विशेष) = विशेष, प्रकार, भेद
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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