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________________ आओ संस्कृत सीखें शतक्रतु = इंद्र सन्निधि = पास में स्तबक = गुच्छा घोडा हय = अगुली = अंगुली 159 कटि = कमर कदली = केल का वृक्ष भूयस् = फिर से तडित् = बिजली भागीरथी = गंगा अलंकरण = अलंकार ऊर्जस् ककुद् = बैल का स्कंध ( नपुं. लिंग) ( नपुं. लिंग) (नपुं. लिंग) = बल परिधान = वस्त्र ( नपुं. लिंग) ( नपुं. लिंग) पीयूष = अमृत बर्ह = पिंछ लाङ्गूल = पूंछ शकट = गाड़ी ( नपुं. लिंग) ( नपुं. लिंग) ( नपुं. लिंग) 1. 2. 3. 4. 5. कतिपय = थोड़ा चरम = अंतिम (पुंलिंग) (पुंलिंग) (पुंलिंग) तनु = पतला (पुंलिंग) परिवृढ = समर्थ (स्त्रीलिंग) प्रथम = पहला (स्त्रीलिंग) बाढ = अच्छा (स्त्रीलिंग) विपन्न = मरा हुआ (अव्यय) | सहाध्यायिन् = साथ में पढ़नेवाला (स्त्रीलिंग) (स्त्रीलिंग) | सन्नद्ध = : तैयार (विशेषण) (विशेषण) (विशेषण) (विशेषण) (विशेषण) (विशेषण) (विशेषण) (विशे.) (विशेषण) नेम = आधा (सर्वनाम) धातु गल् = गलना गण1 परस्मैपदी संस्कृत में अनुवाद करो खण्ड् = खंडित करना गण 1 आत्मनेपदी नह् = बाँधना गण 4 उभयपदी सम् + नह् = तैयार होना परि + छिद् = जानना गण 7 उभयपदी लक्ष् = देखना गण 10 उभयपदी हमारे सैन्य में इतने शत्रु कितने हैं ? ( कति) थोड़े भी देव (कतिपय ) और थोड़े भी नाग, इसके समान ( संनिभ) नहीं है। पर्वतों में मेरु सबसे बड़ा (महत्) और सबसे चौड़ा (पृथु ) है। अन्न में उड़द सबसे अधिक भारी (गुरु) और बहुत चिकने (स्निग्धतम) हैं। पांडवों में भीमसेन सबसे अधिक मोटा, बहुत मजबूत (दृढ़ ) और अतिशय बलवान (बलवत्) था। 6. हाथ में पाँच अंगुलियाँ हैं, उनमें सबसे छोटी (अल्प) अंगुली (कतर या कतम) कौनसी ? 7. बहुतसा काल (अनेहस्) गया तो भी तदपि रामराज्य की महिमा - महिमन् को
SR No.023124
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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