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________________ आओ संस्कृत सीखें 1. 2. 3. 4. 5. 6. स्थूल - मोटा दूर - दूर युवन् - युवान हस्व - छोटा क्षिप्र - जल्दी क्षुद्र - हल्का प्रिय - प्यारा स्थिर - निश्चल स्फिर- बहुत उरु - मोटा गुरु - भारी 4) प्रिय आदि का प्रा आदि आदेश होता है - - 1. प्रेमा प्रेष्ठः 2. स्थेमा 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. वृद्ध-बूढ़ा 10. वृन्दारक- प्रशस्य बहुल- ज्यादा तृप्र - दुःखी दीर्घ - लंबा इष्ठ पर भूय् होता है । उदा. बहु - ज्यादा अहिमरुचि = सूर्य आयुष्यमत् = आप 158 - हूसिमा । ह्रसिष्ठः । क्षेपिमा । क्षेपिष्ठः । क्षोदिमा । क्षोदिष्ठः । ककुद्मत् = बैल कलापिन् = मोर कुमुदचन्द्र = दिगंबर आचार्य जीमूतमालिन् = वर्षाऋतु स्थविष्ठः । दविष्ठः यविष्ठः । वरमा गरिमा हिमा पिमा द्राघिमा वर्षमा वृन्दिमा स्थेष्ठ: स्फेष्ठः वरिष्ठः गरिष्ठः बंहिष्ठः त्रपिष्ठः द्राघिष्ठः वर्षिष्ठः वृन्दिष्ठः 15. बहु का इमन् और ईयस् प्रत्यय पर भू आदेश होता है और प्रत्यय के इ वर्ण का लोप होता है। भूमा । भूयिष्ठः । भूयान् । शब्दार्थ स्थवीयान् । दवीयान् । यवीयान् । हूसीयान् । क्षेपीयान् । क्षोदीयान् । प्रेयान् स्थेयान् स्फेयान् वरीयान् गरीयान् बंहीयान् पीयान् द्राघीयान् वर्षीयान् वृन्दीयान् (पुंलिंग) (पुंलिंग) | तडित्वत् = मेघ (पुंलिंग) देवसूरि = श्वेतांबर आचार्य (पुंलिंग) (पुंलिंग) द्रुम = वृक्ष (पुंलिंग) (पुंलिंग) द्विप = हाथी (पुंलिंग) वाज = वेग (पुंलिंग) | वाजिन् = घोड़ा (पुंलिंग) (पुंलिंग) (पुंलिंग)
SR No.023124
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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