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आओ संस्कृत सीखें
स्वरादि शित् प्रत्ययों पर द्विरुक्त धातु के उपांत्य नामि स्वर का गुण नहीं होता
है।
9.
उदा. नेनिजानि, अनेनिजम्
निज् धातु
परस्मैपदी - वर्तमाना
नेनिज्वः
नेनिक्थ:
नेनिक्तः
नेनेज्म
नेक्षि
नेक्ति
अनेनिजम्
अनेनेक्, ग्
अनेनेक्, ग्
नेनिज्याम्
नेनिज्याः
नेनिज्यात्
जानि
नेनिग्धि
नेक्तु
निजे
निक्षे
नेनिक्ते
अनिजि
अनेनिक्थाः
अनेनिक्त
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अनेनिज्व
अनेनिक्तम्
अनेनिक्ताम्
विध्यर्थ
निज्याव
नेनिज्यातम्
नेनिज्याताम्
के रूप
निजाव
नेनिक्तम्
नेनिक्ताम्
आज्ञार्थ
आत्मनेपदी - वर्तमाना
निज्व
निजाथे
निजाते
ह्यस्तनी
अनेनिज्वहि
अनेनिजाथाम्
अनेनिजाताम्
नेनिज्म:
नेनिक्थः
निजति
अनेनिज्म
अनेनिक्त
अनेनिजुः
निज्याम
ज्यात
नेनिज्युः
निजाम
निक्त
नेनिजतु
नेनिज्महे
नेनिग्ध्वे
निजते
अनेनिज्महि
अनेनिग्ध्वम्
अनेनिजत