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________________ आओ संस्कृत सीखें अभाषे अभाषथाः अभाषत अभाष्ये अभाष्यथाः अभाष्यत आ + रुह् भाष् = बोलना (गण 1 आत्मनेपदी) अभाषावहि अभाषेथाम् अभाषेताम् 54 अभाष्यावहि अभाष्येथाम् अभाष्येताम् धातु-अर्थ ऋध् : . = बढना (गण 4, परस्मैपदी) सम् + ऋध् = आबाद होना, समृद्ध होना ( गण 4, परस्मैपदी) कर्मणि प्रयोग कुमारपाल = कुमारपाल - राजा (पुं.) दिवस दिन (पुं.) धनपाल = धनपाल कवि = मुद् = खुश होना (गण 1, आत्मनेपदी) वि + रच् = रचना करना, बनाना (गण 10 परस्मैपदी) = चढ़ना ( गण 1, परस्मैपदी) नि + पत् = नीचे गिरना, बनाना ( गण 1 परस्मैपदी) आ + रुह् = चढ़ना आ + नी = लाना (गण 1, उभयपदी ) उद् + डी = उड़ना (गण 1, आत्मनेपदी) नरक = नरक (पुं.) = राजा (पुं.) पंडित = पंडित (पुं.) भूपाल भोज = भोजराजा (पुं.) युधिष्ठिर = युधिष्ठिर (पुं.) शत्रुंजय = शत्रुंजय महातीर्थ (पुं.) सिद्धराज = सिद्धराज (पुं.) स्तेन = चोर (पुं.) स्वर्ग = देवलोक (पुं.) शब्दार्थ अभाषामहि अभाषध्वम् अभाषन्त अभाष्यामहि अभाष्यध्वम् अभाष्यन्त डिम्भ: = बालक (पुं.) दुर्योधन = दुर्योधन (पुं.) पांडव = पांडव (पुं.) माकंद = आम (पुं.) = कुआ (पुं.) कूप : जिन = जिनेश्वर देव (पुं.) लक्ष्मण = लक्ष्मण (पुं.) व्यापार = व्यापार (पुं.) धारा = धारा नगरी (स्त्री) सभा = सभा (स्त्री) आर्या = साध्वी (स्त्री) आज्ञा = आज्ञा (स्त्री)
SR No.023123
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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