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________________ आओ संस्कृत सीखें 51 पाठ-23 पुरुष महि 'थास् ध्वम् ह्यस्तन भूत काल परस्मैपदी प्रत्यय पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन । प्रथम पुरुष अम् । व म | द्वितीय पुरुष स्त म् त । तृतीय पुरुष । त् ताम् । अन् । . आत्मनेपदी के प्रत्यय एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष वहि द्वितीय पुरुष इथाम् । तृतीय पुरुष । त इताम् । अन्त । 1. आज सिवाय के भूतकाल को बताने के लिए धातु को शस्तनी विभक्ति के प्रत्यय लगते हैं । 2. ह्यस्तनी विभक्ति के प्रत्यय लगाते समय धातु के पहले 'अ' लगाया जाता है। उदा. जि + त् अ + जि + अ + त् अ+ जे + अ + त अ + जय + अ + त् = अजयत् उपसर्ग सहित धातु हो तो उपसर्ग के बाद और धातु के पहले 'अ' लगाया जाता है । उदा. प्र + विश् + अ + त्. प्र + अ + विश् + अ + त् = प्राविशत् 3. जिस धातु के प्रारंभ में स्वर हो तो धातु के पहले 'अ' न रखकर धातु के पहले स्वर की वृद्धि की जाती है |
SR No.023123
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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