SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 56
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 931 आओ संस्कृत सीखें 9. नृपा ब्राह्मणेभ्यः सुवर्णं यच्छन्ति - 12. धनं दानाय न मदाय | 10. ताभ्यां शिष्याभ्यां धर्मं कथयति । 13. स्वस्ति श्रमणेभ्यः । 11. वयं बालेभ्यो मोदकान्यच्छामः । 14. तुभ्यं नमः । पाठ-18 पंचमी-षष्ठी-सप्तमी प्रत्यय | पंचमी | आत् | षष्ठी | स्य | सप्तमी | इ । भ्याम् ओस् | ओस् । भ्यस् । | नाम् । सु। पुंलिंग | पंचमी | बालात् । बालाभ्याम् | बालेभ्यः । | षष्ठी | बालस्य । बालयोः । बालानाम | सप्तमी | बाले । बालयो: । बालेषु । नपुंसक लिंग | पंचमी | कमलात । कमलाभ्याम् | कमलेभ्यः | षष्ठी - कमलस्य | कमलयोः | कमलानाम् सप्तमी | कमले कमलयोः | कमलेषु 1. पद के अंत में रहे धुट व्यंजन के स्थान पर उसके स्थान के वर्ग का तीसरा व्यंजन होता है उदा. बालात्-बालाद् । 2. शिट् सिवाय के धुट व्यंजन के बाद अघोष व्यंजन हो तो उस धुट् व्यंजन का उसी के वर्ग का पहला व्यंजन होता है । उदा. रथाद् पतति । रथात् पतति । 3. शिट् सिवाय का धुट् व्यंजन विराम में हो तो उसके वर्ग का पहला व्यंजन विकल्प से होता है । उदा. पतति रथात् । पतति रथाद् ।
SR No.023123
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy