SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 35
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आओ संस्कृत सीखें 2. भू + अ + ति भ् + ओ + अ + ति भ् + अव् + अ + ति = भवति 1. वृष् धातु के रूप वर्षामि वर्षसि वर्षति 2. तृ धातु के रूप तरामि तरसि तरति क्रीड् क्रीडा करना, खेलना = जप् = जाप करना, जपना जिम् = खाना निन्द् = निंदा करना वृष् शुच् = शोक करना = जय पाना, जीतना जि = बरसना 10 1. वे बरसते हैं । 2. हम दोनों जाप करते हैं । 3. हम खेलते हैं । 4. तुम घूमते हो । 5. हम चलते हैं । वर्षावः वर्षथः वर्षतः तराव: तरथः तरतः परस्मैपदी धातु = तैरना संस्कृत में अनुवाद करें वर्षामः वर्षथ वर्षन्ति = धाव् भू = होना सृ = जाना, हटना स्मृ = स्मरण करना, याद करना क्षि = क्षय पाना, क्षीण होना दौड़ना, भागना 8. तरामः तरथ तरन्ति 6. तुम दोनों शोक करते हों । 7. हम दोनों हैं । वे क्षय पाते हैं । 9. तुम दूर हटते हो । 10. वे दोनों खाना खाते हैं ।
SR No.023123
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy