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________________ आओ संस्कृत सीखें निम्नलिखित वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद करो 1. मैं नमस्कार करता हूँ | 2. हम बोलते हैं । 3. तुम पढ़ते हो । 4. तू पूजा करता है । 5. तुम दोनों जीते हो। 6. हम दोनों त्याग करते हैं । निम्नलिखित वाक्यों का हिन्दी में अनुवाद करो 1. स नमति । 2. ते रक्षन्ति । 3. तौ पठतः । 4. त्वम्पतसि । 5. जीवामः। 6. अहञ्चलामि | पाठ-4| पहला गण (उपांत्य - अंत्य का गुण) 1. विकरण प्रत्यय 'अ' के पहले धातु के उपांत्य ह्रस्व नामि स्वर का गुण होता है | 2. क्र वर्ण का गुण अर्, इ वर्ण का गुण 'ए' तथा उ वर्ण का गुण 'ओ' होता उदा. 1. वृष् + अ + ति गुण होने पर - व् + अर् + ष् + अ + ति = वर्षति 2. जिम् + अ + ति जेम् + अ + ति = जेमति 3. शुच् + अ + ति शोच् + अ + ति = शोचति 3. विकरण प्रत्यय अ के पहले धातु के अंतिम ह्रस्व या दीर्घ नामि स्वर का गुण होता है । उदा. जि + अ + ति ज् + ए + अ + ति 4. ए ऐ ओ औ के बाद कोई भी स्वर आए तो उसके स्थान पर अय्, आय, अव् तथा आव् होता है1. ज + ए + अ + ति ज + अय् + अ + ति = जयति
SR No.023123
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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