SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 169
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 144 आओ संस्कृत सीखें 144 14. श्रमण जा रहे हैं। 15. धार्मिक पुरुष आगे बढ़ते हैं । 16. मोर नाच रहे हैं। 17. भोगीलाल हरण करता है। 18. बालक चाहते हैं। 19. तुम राजा हो ? हाँ, मैं राजा हूँ । 20. प्रधान विचार करते हैं । यहाँ कांतिलाल है ? 21. यहाँ कांतिलाल नहीं है। 22. देव जल्दी जाते हैं। पाठ-14 हिन्दी का संस्कृत अनुवाद 1. बालश्चन्द्रं पश्यति । 2. जना देवान् पूजयन्ति । 3. नृपो ग्रामौ रक्षति । 4. सुरेशचन्द्रो रमेशचन्द्रं स्पृहयति । 5. जनकः पुत्रांश्चिन्तयति । 6. स ब्राह्मणो मोदकौ खादति । 7. त्वं धनमिच्छसि । 8. त्वं मुखं पश्यसि । 9. वनं दहति । 10. फलानि पतन्ति । 11. जलं क्षरति । 12. मित्रं धनं यच्छति । 13. वयमन्नं खादामः । 14. पुस्तके अत्र स्तः । 15. नृपो नगरं रक्षति । 16. अहं मित्राणि स्पृहयामि । 17. बाला गृहं गच्छन्ति 18. रतिलालो मित्राणि पृच्छति । संस्कृत का हिन्दी अनुवाद 1. मनुष्य धर्म को चाहते हैं। 2. बालक मोदक खाते हैं। 3. मैं वीर को नमस्कार करता हूँ। 4. शिष्य आचार्य को वंदन करते हैं । 5. पिता पुत्रों को शान्त रखते हैं। 6. वह बिल्लियों को मारता है । 7. अंग स्फुरित होता है । 8. यहाँ जल है ।
SR No.023123
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy