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________________ आओ संस्कृत सीखें 5. 6. 7. संबोधन 1. 2. संबोधन कर्तुः कर्तुः कर्तर हे कर्त: कर्तृ कर्तृ हे कर्त:, कर्तृ कर्तृणी 1. सं. नौः 2. 3. 4. 5. 6. 7. 125 कर्तृभ्याम् कर्त्री: कर्त्रीः हे कर्तारौ कर्तृ-नपुंसकलिंग नावम नावा नावे नाव: नाव: नावि जामातृ = दामाद (पुंलिंग) देवृ = देवर (पुंलिंग) 4. ऋकारांत विशेषण नामों को स्त्रीलिंग में ई (डी) प्रत्यय लगता है । कर्तृ + ङी = कर्त्री के रूप नदी के अनुसार होते हैं । नौ स्त्रीलिंग के रूप नवौ नाव नौभ्याम् नौभ्याम् नौभ्याम् नावोः नावोः नृ = नर (पुंलिंग) पितृ = पिता (पुंलिंग) भ्रातृ = भाई (पुंलिंग) नप्तृ = पौत्र, दौहित्र (पुंलिंग) नेष्टृ = याज्ञिक (पुंलिंग) कर्तृणी कर्तृणी धातु वि + सृज् = विसर्जन करना, देना (गण ६, परस्मैपदी) शब्दार्थ कर्तृभ्यः क णाम् कर्तृषु हे कर्तारः कर्तृणि कर्तृणि कर्तृणि नाव: नाव: नौभिः नौभ्यः नौभ्यः नावाम् नौ त्वष्टृ = सुथार (पुंलिंग) क्षत्तृ = सारथि (पुंलिंग) पोतृ, होतृ = याज्ञिक (पुंलिंग) प्रशास्तृ = प्रकृष्ट शासक (पुंलिंग) दुहितृ = पुत्री (स्त्रीलिंग) = माता (स्त्रीलिंग) मातृ: ननान्दृ = नणंद (स्त्रीलिंग)
SR No.023123
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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