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________________ मूल तथा भाषांतर. विवेचन: १२ मा अन्तरद्वारे-छ मासना उत्कृष्ट अंन्तरे सिद्ध थएला थोडा तेथी एक समयना अन्तरे सिद्ध थएला संख्यातगुण. तेथी बे समयना अन्तरे सिद्ध थएला संख्यातगुणा. ए प्रमाणे समय समय विशेष अन्तरे संख्यातगुण संख्यातगुण कहेतां यवमध्य सुधी एटले त्रण मास मुधी कहेछ.त्यार पछी आगळ एटले त्रण मास अने एकसमयना अन्तरे सिद्ध थएला संख्यातगुण हीन तेथी समयाधिक अन्तरे सिध्ध थएला संख्यातगुण हीन ए प्रमाणे समय समय वि. शेष अन्तरने विषे संख्यातगुण हीन संख्यातगुण हीन करतां यावत छ मास मुधी एटले छ मासमां एक समय होन मुधी कहे. १० अवगाहना द्वारे- जघन्य अवगाहनाए सिध्ध यएला थोडा . तेथी उत्कृष्ट अवगाहनाए सिध्ध थएला असख्यातगुणा तेथी मध्यम अवगाहनाए सिध्य थएला असंख्यातगुणा. ४६ अट्ठसयसिद्ध थोवा, सत्तहिअ अणंतगुणिअ जापना। जा पणवीसमसंखा, एगेता जाव संखगुणा १४ ॥ ४७ ।। अठ्ठसय-एक सो आठ । अणंतगुणिअ-अणंत पणवीसं-पचीस थोवा थोडा गुणा एगंता-एकसुधी सहिअ-सात अधिक | जा-यावत् जाव-यावत् । पन्ना-पचास अर्थ-एकसो आठ सिद्ध थएला थोडा, तेथी एकसो सात सिद्ध अणंतगुणा. एम यावत् पचास सुधी कहेवु त्यार पछी पचीस मुधी असंख्यगुणा त्यांथी एक सुधी संख्यातगुण कहेवा. ४७ विवेचन १४ गणणाद्वारे-एकसो आठ सिद्ध यएल थोडा, तेथी एकसो सात सिद्ध थएल अनंतगुणा, तेथी एकसो छ सिध्ध यएल अनंब.
SR No.023119
Book TitlePushpa Prakaran Mala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurvacharya
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages306
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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