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________________ wwwwwww ( १६६ ) सिद्धपंचासिका. अनुक्रमे संख्यातगुणा कहेवा. अच्युत सम्यक्त्वी थोडा तेथी त्रण च्युत सम्यक्त्वी अनुक्रमे असंख्यगुण, संख्यातगुण अने असंख्यातगुण. ४५. विवेचन-१३ अनुयोगद्वारे-विचारतां आठ समय सिद्ध सर्व थोड़ा कारण के आठ समय सुधी निरंतर सिझेळा जीवो थोडा प्राप्त थता होवाथी. तेथी सात समय सुधी सीझेला संख्यात गुणा. एवी रीते समय समयनी हानि करतांबे समय सिद्ध सुधी संख्यातगुणा संख्यातगुणा कहेवा. एक समय सिद्धमां निरंतरपणानो अभाव होवाथी तेना अल्पबहुत्वनो अभाव छे. ११ उत्कर्षद्वारे-सम्यक्त्वथी नहि पडेला सिद्ध ययेला थोडा, तेनाथी त्रण पडेला अनुक्रमे असंख्यातगुणा, पंख्यातगुणा अने अ. संख्यातगुणा,एटले सम्यक्त्वथी नहि पडेला करतां संख्यातकालथी सम्यक्त्वथी पडीने सिद्ध थएला असंख्यातगुणा, तेथी असंख्यात कालयी सम्यक्त्वथी पडीने सिद्ध थएला संख्यातगुणा तेथी अनंतकालथो समकितथी पडीने सिद्ध थएला असंख्यातगुगा. ४५ एगो जा जवमज्झं, संखगुण परा उ संखगुणहीणा । छम्मासंता १२ लहु गुरु, मज्झ तणू थोव दुअसंवा१० ४६ एगो-एक परा-पछीथी । पर्यंत जा-यावत् संखपणहीणा-संख्या- मज्म-मध्यम जवमझ-यवमध्य । तगुण होन स णू-शरीरनी अध. संखगुण-संख्यातगुणा | छम्मासंता-छ मास | गाहना अर्थ-एक समयान्तर सिद्धथी यावत् यवमध्य सुधी संख्यातगुग संख्यातगुण कहेवा त्यार पछी छ मास पर्यव संख्यातगुण हीन संख्यातगुण हीन कहेवा. जघन्य उत्कृष्ट अने मध्यम अवगाहनावाला अनुक्रमे थोडा अने बे असंख्यातगुणा. ४६.
SR No.023119
Book TitlePushpa Prakaran Mala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurvacharya
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages306
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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