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________________ नवमोऽध्यायः 109 वायव्य कोण की चले तो मक्खी, डांस और मच्छर प्रबल हो उठते हैं । वर्षा और धान्योत्पत्ति कहीं मध्यम और कहीं उत्तम होती है और कुछ धान्यों का मूल्य अथवा लाभ निश्चित रूप से मध्यम समझना चाहिए ॥23-2411 आषाढीपूणिमायां तु वायुः पूर्वोत्तरो यदा। वापयेत् सर्वबीजानि तदा चौरांश्च घातयेत् ॥25॥ स्थलेष्वपि च यबीजमुप्यते तत् समृद्ध यति। क्षेमं चैव सुभिक्ष च भद्रबाहवचो यथा ॥26॥ बहूदका सस्यवती यज्ञोत्सवसमाकुला। प्रशान्तडिम्भ-डमरा शुभा भवति मेदिनी ॥27॥ आषाढ़ी पूर्णिमा को यदि पूर्व और उत्तर दिशा के बीच का-ईशान कोण का वायु चले तो उससे चोरों का घात होता है अर्थात् चोरों का उपद्रव कम होता है । उस समय सभी प्रकार के बीज बोना शुभ होता है । स्थलों पर अर्थात् कंकरीली, पथरीली जमीन में भी बोया हुआ बीज उगता तथा समद्धि को प्राप्त होता है। सर्वत्र क्षेम और सुभिक्ष होता है, ऐसा भद्रबाहु स्वामी का वचन है । साथ ही पृथ्वी बहुजल और धान्य से सम्पन्न होती है, पूजा-प्रतिष्ठादि महोत्सवों से परिपूर्ण होती है और सब बिडम्बनाएँ दूर होकर प्रशान्त वातारण को लिये मंगलमय हो जाती हैं। नगर और देश में शान्ति व्याप्त हो जाती है ॥25-27।। पूर्वो वातः स्मृत: श्रेष्ठः तथा चाप्युत्तरो भवेत् । उत्तमस्तु तथैशानो मध्यमस्त्वपरोत्तरः ॥28॥ अपरस्तु तथा न्यूनः शिष्टो वातः प्रकीर्तितः । पापे नक्षत्रकरणे मुहूर्ते च तथा भृशम् ॥29॥ पूर्व दिशा का वायु श्रेष्ठ होता है, इसी प्रकार उत्तर का वायु भी श्रेष्ठ कहा जाता है। ईशान दिशा का वायु उत्तम होता है। वायव्यकोण तथा पश्चिम का वायु मध्यम होता है। शेष दक्षिण दिशा, अग्निकोण और नैऋत्यकोण का वायु अधम कहा गया है, उस समय नक्षत्र, करण तथा मुहूर्त यदि अशुभ हों तो वायु भी अधिक अधम होता है ।।28-29॥ पूर्ववातं यदा हन्यादुदीर्णो दक्षिणोऽनिलः । न तत्र वापयेद धान्यं कुर्यात सञ्चयमेव च ॥30॥ 1-2. पूर्वोत्तर मु० C. 1 3. उत्तर मु० A. BD.। 4. परोत्तरः मु. A. परोत्तरा मु. c.। 5. न्यूनं म A., न्यूनः मु० B. D.I 6-7. शस्य वाता म• A. शिष्टतोय मु० C. शिष्टा वाता म. D । 8. दक्षिणानलः मु A. दक्षिणोऽनलः मु० B.।
SR No.023114
Book TitleBhadrabahu Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Jyotishacharya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1991
Total Pages620
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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