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________________ पंचमोऽध्यायः 71 चमकती प्रकाशमान दिखलाई पड़े तो आगामी आषाढ़ में अच्छी बर्षा होती है। माघ कृष्ण द्वितीया को गर्जन-तर्जन के साथ बिजली दिखलाई पड़े तो आगामी वर्ष में फसल साधारण तथा वर्षा की कमी होती है। माघी पूर्णिमा को मध्य रात्रि में उत्तर-दक्षिण चमकती हुई बिजली दिखलाई पड़े तो आगामी वर्ष राष्ट्र के लिए उत्तम होता है। व्यापारियों को सभी वस्तुओं के व्यापार में लाभ होता है । यदि दूसरी रात में चन्द्रोदय के समय में ही लगातार एक मुहूर्त-48 मिनट तक बिजली चमके तो आगामी वर्ष में राष्ट्र के लिए अनेक प्रकार से विपत्ति आती है । फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, द्वितीया और तृतीया को मेघाच्छन्न आकाश हो और उसमें पश्चिम दिशा की ओर बिजली चमकती हुई दिखलाई पड़े तो आगामी वर्ष में फसल अच्छी होती है और तत्काल ओलों के साथ जलवृष्टि होती है। यदि होली की रात्रि में पूर्व दिशा से बिजली चमके तो आगामी वर्ष में अकाल, वर्षाभाव, बीमारियों एवं धन-धान्य की हानि और दक्षिण दिशा में बिजली चमके तो आगामी वर्ष में साधारण वर्षा, चेचक का विशेष प्रकोप, अन्न की महंगी एवं खनिज पदार्थ सामान्यतया महँगे होते हैं। पश्चिम दिशा की ओर बिजली चमके तो उपद्रव, झगड़े, मार-पीट, हत्याएँ, चोरी एवं आगामी वर्ष में अनेक प्रकार की विपत्ति और उत्तर दिशा में बिजली चमके तो अग्निभय, आपसी विरोध, नेताओं में मतभेद, आरम्भ में वस्तुएँ सस्ती पश्चात् महंगी एवं आकस्मिक दुर्घटनाएं घटित होती हैं । होली के दिन आकाश में बादलों का छाना और बिजली का चमकना अशुभ है। वसन्त ऋतु -चैत्र और बैशाख में बिजली का चमकना प्रायः निरर्थक होता है। चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को आकाश में मेघ व्याप्त हों और बूंदा-बूंदी के साथ बिजली चमके तो आगामी वर्ष के लिए अत्यन्त अशुभ होता है । फसल तो नष्ट होती ही है, साथ ही मोती, माणिक्य आदि जवाहरात भी नष्ट होते हैं। दिन में इस दिन मेघ छा जायें और वर्षा के साथ बिजली चमके तो अत्यन्त अशुभ होता है । आगामी वर्ष के लिए यह निमित्त विशेष अशुभ की सूचना देता है। चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तृतीया विद्ध हो तथा इस दिन भरणी नक्षत्र हो तो इस दिन चमकने वाली बिजली आगामी वर्ष में मनुष्य और पशुओं के लिए नाना प्रकार के अरिष्टों की सूचना देती है । पशुओं में आगामी आश्विन, कार्तिक, माघ और चैत्र में भयानक रोग फैलता है तथा मनुष्यों में भी इन्हीं महीनों में बीमारियाँ फैलती हैं। भूकम्प होने की सूचना भी उक्त प्रकार की बिजली से ही अवगत करनी चाहिए। चैत्री पूर्णिमा को अचानक आकाश में बादल छा जायें और पूर्व-पश्चिम बिजली कड़के तो आगामी वर्ष उत्तम रहता है और वर्षा भी अच्छी होती है। फसल के लिए यह निमित्त बहुत अच्छा है । इस प्रकार के निमित्त से सभी वस्तुओं की
SR No.023114
Book TitleBhadrabahu Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Jyotishacharya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1991
Total Pages620
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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