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________________ भद्रबाहुसंहिता 70 फल घटित होता है । दक्षिण दिशा में बिजली की चकाचौंध उत्पन्न हो और श्वेत रंग की चमक दिखलाई पड़े तो सात दिनों तक लगातार जल की वर्षा होती है । यदि दक्षिण दिशा में केवल बिजली की चमक ही दिखलाई पड़े तो धूप होने की सूचना अवगत करनी चाहिए । जब लाल और काले वर्ण के मेघ आकाश में आच्छादित हों और बार-बार तेजी से बिजली चमकती हो तो, साधारणतया दिन भर धूप रहने के पश्चात् रात में वर्षा होती है । दक्षिण दिशा से पूर्वोत्तर गमन करती हुई बिजली चमके और उत्तर दिशा में इसका तेज प्रकाश भर जाए तो तीन दिनों तक लगातार जल-वर्षा होती है । यहाँ इतना विशेष और है कि वर्षा के साथ ओले भी पड़ते हैं । यदि इस प्रकार की बिजली शरद् ऋतु में चमकती है तो निश्चयतः ओले ही पड़ते हैं, जल-वर्षा नहीं होती । ग्रीष्म ऋतु में उक्त प्रकार की बिजली चमकती है तो वायु के साथ तेज धूप पड़ती है, वृष्टि नहीं होती । गोलाकार रूप में दक्षिण दिशा में बिजली चमके तो आगामी ग्यारह दिनों तक जल की अखण्ड वर्षा होती है । इस प्रकार की बिजली अतिवृष्टि की सूचना देती है | आषाढ़ बदी प्रतिपदा को दक्षिण दिशा में शब्द रहित बिजली चमके तो आगामी वर्ष में फसल निकृष्ट, उत्तर दिशा में शब्द रहित बिजली चमके तो फसल साधारण ; पश्चिम दिशा में शब्द रहित बिजली चमके तो फसल के लिए मध्यम और पूर्व दिशा में शब्द रहित बिजली चमके तो बहुत अच्छी फसल उपजती है । यदि इन्हीं दिशाओं में शब्द सहित बिजली चमके तो क्रमशः आधी, तिहाई, साधारणतः पूर्ण और सवाई फसल उत्पन्न होती है । यदि आषाढ़ द्वितीया चतुर्थी से विद्ध हो और उसमें दक्षिण दिशा से निकलती हुई बिजली उत्तर की ओर जावे तथा इसकी चमक बहुत तेज हो तो घोर दुर्भिक्ष की सूचना मिलती है । वर्षा भी इस प्रकार की बिजली से अवरुद्ध ही होती है । चटचटाहट करती हुई बिजली चमके तो वर्षाभाव एवं घोरोपद्रव की सूचना देती है । - ऋतुओं के अनुसार विद्युत् निमित्त का फल – शिशिर - माघ और फाल्गुन मास में नीले और पीले रंग की बिजली चमके तथा आकाश श्वेत रंग का दिखलाई पड़े तो ओलों के साथ जलवर्षा एवं कृषि के लिए हानि होती है । माघ कृष्ण प्रतिपदा को विजली चमके तो गुड़, चीनी, मिश्री आदि वस्तुएं महँगी होती हैं तथा कपड़ा, सूत, कपास, रूई आदि वस्तुएं सस्ती और शेष वस्तुएं सम रहती हैं। इस दिन बिजली का कड़कना बीमारियों की सूचना भी देता है । माघ कृष्णा द्वितीया, पष्ठी और अष्टमी को पूर्व दिशा में बिजली दिखलाई पड़ें तो आगामी वर्ष में अधिक व्यक्तियों के अकालमरण होने की सूचना समझनी चाहिए। यदि चन्द्रमा के बिम्ब के चारों ओर परिवेष होने पर उस परिवेष के निकट ही बिजली
SR No.023114
Book TitleBhadrabahu Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Jyotishacharya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1991
Total Pages620
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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