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________________ [vi] विषय संल्लाप لہ لہ لہ उत्थापक सङ्घात्य परिवर्तक कैशिकी कैशिकी वृत्ति के अङ्ग الله १३१ الله الله नर्म الله प्रलय الله नर्म के भेद शृङ्गारहास्यज शृङ्गारहास्यज के भेद सम्भोगेच्छा प्रकटन अनुराग प्रकटन प्रियापराधनिर्भेद शुद्धहास्यज भयहास्यज नर्मस्फञ्ज नर्मस्फोट नर्मगर्भ आरभटी वृत्ति आरभटी वृत्ति के अङ्ग संक्षिप्ति अवपातन वस्तूत्थापन सम्फेट वृत्तियों का रसनियम प्रवृत्तियाँ भाषा भाषा के भेद विभाषा के भेद सात्त्विक भाव आठ सात्त्विकभाव विषय पृष्ठ १०२ स्तम्भ १२५ १०३ स्वेद १२७ १०४ रोमाञ्च १२९ १०५ स्वरभेद १०६ वेपथु १०६ विवर्णता १३२ १०६ अश्रु १३३ १०६ १३५ १०६ १०६ द्वितीय विलास १०६ व्यभिचारिभाव १३८ १०८ सञ्चारी शब्द की व्युत्पत्ति १३८ १०९ व्यभिचारी भावों की संख्या १३८ १११ निर्वेद १३९ ११२ विषाद १४१ ११४ दीनता १४३ ११५ ग्लानि १४४ ११६ श्रम १४६ ११७ मद १४७ ११७ तरुण मद की चेष्टाएँ १४८ ११७ मध्यम मद की चेष्टाएँ १४८ ११८ नीच मद की चेष्टाएँ १४८ उत्तमादि पुरुष भेद से मद का ११९ विभाजन १४९ १२१ गर्व १५० १२३ १५३ १२३ शङ्का के भेद १५३ १२३ स्वोत्था शङ्का १५३ १२४ परोत्था शङ्का १५४ १२४ त्रास १५५ १२४ आवेग १५७
SR No.023110
Book TitleRasarnavsudhakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJamuna Pathak
PublisherChaukhambha Sanskrit Series
Publication Year2004
Total Pages534
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size31 MB
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