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________________ ४०. ३२६-३७ २४ कातन्त्रव्याकरणम् सर्कारेण, होतृकारः' आदि पाँच सन्धियों के दुर्गवृत्ति में उदाहृत तथा रूपसिद्धिवाले १९६ शब्दों की वर्णानुक्रम सूची] तृतीयं परिशिष्टम् [दुर्गवृत्ति, दुर्गटीका, विवरणपञ्जिका तथा कलापचन्द्र नामक चार व्याख्याओं में उद्धृत १४५ श्लोकों का सङ्ग्रह । इसमें कुछ अर्धश्लोक भी सम्मिलित हैं] ४१. चतुर्थं परिशिष्टम् ३३८-४१ [दुर्गवृत्ति, दुर्गटीका, विवरणपञ्जिका तथा कलापचन्द्र नामक चार व्याख्याओं में जिन शब्दों के लौकिक विग्रह, समासादि उक्त हुए हैं, वे १६७ शब्द इस परिशिष्ट में संगृहीत है] ४२. पञ्चमं परिशिष्टम् = विशिष्टशब्दाः ३४२-४८ [विषय, प्रक्रिया, पारिभाषिक प्रयोग, शैली आदि के सूचक लगभग ३०० विशिष्ट शब्दों का संग्रह इस परिशिष्ट में किया है] ४३. षष्ठं परिशिष्टम् = उद्धृता ग्रन्थाः ३४९-५२ [दुर्गवृत्ति, दुर्गटीका, विवरणपञ्जिका, कलापचन्द्र नामक चार व्याख्याओं तथा समीक्षा में जिन लगभग १५० ग्रन्थों का स्मरण किया गया है, उनका यहाँ संग्रह है] ४४. सप्तमं परिशिष्टम् = उद्धृतानि आचार्यनामानि ३५३-५६ [दुर्गवृत्ति, दुर्गटीका, विवरणपञ्जिका, कलापचन्द्र नामक चार व्याख्याओं में तथा समीक्षा में प्रसङ्गतः जिन लगभग १४० आचार्यों का समुदाय या व्यक्ति के रूप में स्मरण किया गया है, उनका यहाँ संकलन है] ४५. अष्टमं परिशिष्टम् = हस्तलेखादिसहायकग्रन्थपरिचयः ३५७-६१ [१६१ हस्तलेखों तथा १३ मुद्रित ग्रन्थों का परिचय (हस्तलेखसूची, ग्रन्थसंख्या, प्रकाशनस्थान, प्रकाशनसमय) । कातन्त्र के अतिरिक्त भी लगभग ४० ग्रन्थों का प्रकाशनादि परिचय दिया गया है, जिनसे उद्धरण - समीक्षा आदि कार्यों में सहायता प्राप्त हुई है] ४६. नवमं परिशिष्टम् = साङ्केतिकशब्दपरिचयः ३६२-६४
SR No.023086
Book TitleKatantra Vyakaranam Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJankiprasad Dwivedi
PublisherSampurnanand Sanskrit Vishva Vidyalay
Publication Year1997
Total Pages452
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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