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________________ अपभ्रंश और देशी है । शीघ्र का बहिल्ल आदेश होता है । दे० ना० मा० में कोई 'बहिल्ल' शब्द नहीं है। 7/39 में 'बहोलो' शब्द है जो कि लघु जल प्रवाह के अर्थ में प्रयुक्त होता है : 'झटक' का 'घंघल' आदेश कलह के अर्थ में होता है । दे० ना० मा० में घंघल शब्द नहीं है। घंघो - गृहम् के अर्थ में 2/105 में मिलता है तथा 2 / 107 घग्घरं - जघनस्थल वस्त्र भेद है जिसका कि घंघल से कोई सम्बन्ध नहीं प्रतीत होता । वस्तुतः झकट शब्द भी विशुद्ध संस्कृत नहीं है। विद्वाल- अस्पृश्यसंसर्ग के अर्थ में, भय का द्रवक्क, दृष्टि का द्रेट्टि, गाढ़ का निच्चइ आदेश होता है जो दे० ना० मा० में नहीं मिलता। साधारण का सड्ढल आदेश होता है। दे० ना० मा० 8 / 46 - सढं - विषमं, सढा - केशाः, सढो - स्तबकः के अर्थ में मिलता है। ढ को द्वित्व के बाद ल प्रत्यय करके 'सड्ढल' की सिद्धि करने पर भी अर्थ साम्य नहीं होता । कौतुक का कोड या कुड्ड आदेश होता है । दे० ना० मा० 2/33 कुड्ड आश्चर्य के अर्थ में - केचित् कोड्डुं इत्याहुः। तच्च उकार ओकार विनिमये सिद्धम् (कुतुक् - कौतुक इति); क्रीडा का खेड्ड आदेश होता है । दे० ना० मा०-2/77खेयालू-निःसहः । असहन इत्यन्ये । वहीं पर कहा है कि 'रमते' के अर्थ में खेड्डइ का प्रयोग धात्वादेश में किया जा चुका है। इसीलिए दे० ना० मा० में नहीं कहा 55 2 / 76 - में खेल्लियं हसितं के अर्थ में अवश्य मिलता है । रम्य का रवण्ण, अद्भुत का ढक्करि आदेश होता है । यह दे० ना० मा० में नहीं मिलता । पृथक्-पृथक् का जुअंजुअः आदेश होता है-दे० ना० मा० में नहीं मिलता। 3/47 - जुअ लिअं, द्विगुणित के अर्थ में, जुअलो तरूण के अर्थ में आया है । मूढ़ का नालिम, अवस्कन्द का दडवड आदेश होता है । दे० ना० मा० - 5/35 दडवड शब्द घाटी के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है । यदि का छुड्ड, सम्बन्धिन का केर आदेश होता है। प्रा० व्या० (8/4/423)- हुहुरु एवं घुग्घ शब्दानुकरण तथा चेष्टानुकरण में प्रयुक्त होते हैं । दे० ना० मा० में ये शब्द नहीं मिलते। 2/109 में घुग्घुरी मंडूक अर्थ में, 'घुघुरूडो' उत्कर के अर्थ में आया है । कसरक्क कचर- कचर कर खाने की ध्वनि में प्रयुक्त होता है । दे० ना० मा० 2/4-‘कसरो' अधम बैल (बलीवर्द) के अर्थ में प्रयुक्त हुआ I I I 1 195
SR No.023030
Book TitleHemchandra Ke Apbhramsa Sutro Ki Prushthabhumi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamanath Pandey
PublisherParammitra Prakashan
Publication Year1999
Total Pages524
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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