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________________ ((३३६५)) मांगोहत्यासिकारी बाला सिबीले धिमी सेशीर को विट कर कृच्छ थकाउ वाकान्यायिमित कामास तक रहने से होता Happी TDPETI FFagarlराबहिलसंधुर्मुजविकाश ( चरेत् किश्चिद् दद्यात २४F JP inाचा अर्थता कता मलीला , माशा इनको मारने वाला बह-नि तप्तका और शाम भी दे। II अस्थिमजासत्कालीमा: Kiran m द्वादश रात्रं चरेस निशिक या i P FIFTH; मी प्रियविRE पतंभारांशगोप्रमाण (खड़ी निगार देकर समारात्रि तक इश क र देने से सद्ध होता है EFFER अस्थिमतां त्वेकर या अर्थः वाले पागलोमाझाले की द्वादश राज कई करने और कुछ दान से शुद्धि होती है काफ गौतमधर्मसूत्रोक्तप्रायश्चित्तानि । P1 Tefदांचा समछ हल्का, मुगधारास्विमीली। अक्रव्यादा वसतीष्ट्रांमहत्वालाकृष्णमीमामलाकर कि अP-Resक कोसारकोदूधमाधानांगो का दान देविसरात हिोता है ,महिका करमरक्षसाधड़ी . .
SR No.022991
Book TitleManav Bhojya Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherKalyanvijay Shastra Sangraha Samiti
Publication Year1961
Total Pages556
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size27 MB
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