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________________ में जैनेन्द्र कुमार का नाम आनन्दीलाल जैन था । आश्रम के देश प्रेम के संस्कारों के फलस्वरूप जैनेन्द्र कुमार ने आजादी के आन्दोलनों में लम्बी जेलयात्रायें की। उनकी भाँति ऋषभब्रह्मचर्याश्रम के अनेक विद्यार्थियों ने भी देश सेवा में जीवन समर्पित कर दिया । " मेरठ के छपरौली कस्बे के जैन समाज ने असहयोग आन्दोलन में अपना सहयोग किया। उ. प्र. सूचना विभाग के अनुसार भगवानदास जैन निवासी छपरौली जिला मेरठ सन् 1918 से कांग्रेस के कार्यकर्ता रहे। उन्होंने कांग्रेस के आन्दोलनों में भाग लेने के कारण कई बार जेल की सजा काटी । " छपरौली के जैन विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूलों में जाना छोड़ दिया तथा देश के कार्यों में लग गये । लाला शीतलप्रसाद जैन अमीनगर सराय (मेरठ) ने जैनेन्द्र कुमार सन् 1922 से सक्रिय होकर देश के लिए कार्य किया तथा प्रत्येक आन्दोलन में जेल गये, तहसील बागपत के कार्यकर्ताओं पर उनका अच्छा प्रभाव रहा। इसी प्रकार बड़ौत में कामताप्रसाद जैन ने भी सन् 1922 से ही स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लेना प्रारम्भ कर दिया था। वे भी बाद के आन्दोलनों में जेल गये। श्री जैन प्रभावशाली जननेता थे।" इस प्रकार जनपद मेरठ के जैन समाज ने असहयोग आन्दोलन में अपना सहयोग प्रदान किया । गाँधी जी द्वारा चलाये जा रहे असहयोग आन्दोलन का प्रभाव जन-जन तक पहुँच रहा था। 1919-20 में जिन कॉलेजों के विद्यार्थियों की संख्या 52,482 थी, वह 1921-22 में घटकर 45,983 रह गई। इसी प्रकार माध्यमिक विद्यालयों में 1919-20 में विद्यार्थियों की संख्या 1,281,810 थी, जो 1921-22 में घटकर 1,239,524 रह गई। 20 विदेशी कपड़े का बहिष्कार करने तथा शराब बंदी आदि कार्यक्रमों में देशवासियों ने पूरी हिम्मत झोंक दी। जैन समाज के नागरिक भी इन आन्दोलन में किसी से पीछे नहीं रहे । 1 बुलन्दशहर जनपद में विदेशी वस्त्रों की विशाल होली चौक बाजार में जलाई गयी। कांग्रेस के स्वयं सेवकों ने घर-घर जाकर हजारों की संख्या में विदेशी कपड़े एकत्र किये थे । इसमें सभी वर्गों ने सहयोग दिया।" जैन समाज के लाला बसंतराय जैन, लाला खूबचंद जैन (बजाज) ने यह प्रतिज्ञा की कि वे विदेशी वस्त्र नहीं बेचेंगे। सिकन्दराबाद के लाला शंभूनाथ जैन, परमेश्वरीदास जैन, मुंशीलाल जैन ने जेल जाने वाले देशभक्तों की आर्थिक सहायता की। सम्पूर्ण भारतवर्ष में सन् 1918 में रौलट एक्ट बनते ही अंग्रेजी शासन के असहयोग आन्दोलन और जैन समाज की भूमिका :: 49
SR No.022866
Book TitleBhartiya Swatantrata Andolan Me Uttar Pradesh Jain Samaj Ka Yogdan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmit Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2014
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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