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________________ है। तत्पश्चात् वनस्पतिकाय के आगमानुसार भेद-प्रभेद को वैज्ञानिक प्रमाण से सिद्ध किया गया है। इसका विस्तृत वर्णन देखने के लिए लेखक की पुस्तक "विज्ञान के आलोक में जीव-अजीव तत्त्व' (पृष्ठ ४३ से ५२ तक) का अवलोकन किया जा सकता है। तत्पश्चात् वनस्पति के भेदों का विवेचन किया गया है। वनस्पति में आहार, भय मैथुन और परिग्रह ये चारों संज्ञाएँ विद्यमान हैं। इनमें आहारसंज्ञा पर स्थानांग, जीवाभिगम, पन्नवणापद, भगवती आदि जैन सूत्रों में प्रतिपादित रोमाहार, ओजाहार के उद्धरणों को उदाहरणों से (पृष्ठ ६० से ८६ तक) प्रस्तुत किया गया है। इसमें वनस्पति द्वारा वनस्पति का आहार (अमरवेलादि) करती है। भयसंज्ञा में वनस्पति द्वारा भयभीत होना और अपनी रक्षा का उपाय करना, मैथुन संज्ञा में गर्भाधान आदि और परिग्रह संज्ञा में वनस्पति द्वारा संग्रह वृत्ति का उदाहरण है। वनस्पति में क्रोध, मान, माया और लोभ रूप चारों कषाय होने के प्रमाण एवं उदाहरण पृष्ठ ७६ से १०० तक दिए हैं। वनस्पति में उपयोग' प्रकरण में मति-श्रुत ज्ञान, अचक्षु दर्शन आदि के प्रमाण एवं उदाहरण पृष्ठ १००-१०५ तक दिए हैं। वनस्पति में कृष्ण, नील, कपोत और तेजस लेश्याओं के उदाहरणस प्रमाण पृष्ठ १०५ से १०९ तक दिए हैं। वनस्पति में आयु (४६०० वर्ष के वृक्ष), ऊँचाई ५०० फुट, उद्योत नाम कर्म आदि विशेषताओं का वर्णन पृष्ठ १०९-११२ तक है। इस प्रकार वनस्पति में सजीवता संवेदनशीलता के प्रमाण एवं उदाहरण पृष्ठ ३६ से ११५ तक में है। त्रसकाय का विवेचन पृष्ठ ११६-१३९ तक है, इसमें कंटक-कवच, राडार मछली, टेलीफोन-खरगोश, जेट-झींगा, विद्युत मछली, एरियल एडमिरल, कटार टिंर्गर, विषदर्शी-मक्खी, शिकारी हेरी-हुदहुद, गैस चालक स्कंक, बख्तरबन्द कछुआ, पनडुबी ह्वेल, ऐनकधारी मेंढक, मकड़ी का मायाजाल, कपटी कोयल, जेबधारी कंगारु, वास्तुशिल्पी शकुनी, भारवाही चींटिया, समाधिधारी सर्प, गति का धनी गरुड, विलक्षणज्ञानी पक्षी, वैक्रिय रूपधारी गिरगिट, बुद्धिमत्ता कठफोड़वा वार्तालाप पशु-पक्षियों का आदि के उदाहरण हैं। उद्योत नाम कर्म प्रकरण में प्रदीपी वनस्पतियाँ एवं त्रसजीव, नाक्टील्यूका, जेलीफिश, सिप्रिडाइगा, ग्रव, लालटेन मछली, जुगनू आदि के उदाहरण हैं । त्रसकाय में लेश्या, ज्ञान-दर्शन उपयोग आदि का विवेचन एवं उदाहरण प्रस्तुत किए गए हैं। जीव-अजीव तत्त्व [15]
SR No.022864
Book TitleJain Tattva Sara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhiyalal Lodha
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year2015
Total Pages294
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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