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________________ 64 श्रमण-संस्कृति थे। प्रथम के तत्व ज्ञान और विचार धारा ने उस सुधारवादी आन्दोलन को रूप दिया जिसे जैन धर्म कहते हैं और दूसरे के विचारों एवं दर्शन से अन्य आन्दोलन, जिसे बौद्ध धर्म कहते हैं, का आविर्भाव हुआ। यूरोप के लूथर और केलविन के समान ही महावीर और गौतम ने उस भ्रष्टता का विरोध किया था जो हिन्दू धर्म में घुस गयी थी। जिस प्रकार सुधार वादी ईसाई धर्म में लूथर और केलविन के सम्प्रदाय लूथरिज्म और केलविनिज्म हैं, वैसे ही सुधारवादी हिन्दू धर्म में जैन और बौद्ध सम्प्रदाय हैं। महावीर और बुद्ध हिन्दू धर्म के उन महान विचारकों में से थे जो हिन्दू धर्म के अन्तर्गत ही रहकर शाश्वत सत्य की अनवरत खोज में संलग्न थे। ये दोनों मत ब्राह्मण धर्म या वैदिक धर्म की शाखाएं ही हैं, जिन्होंने कुछ अवांछनीय धार्मिक विधियों एवं प्रथाओं का घोर विरोध किया और कुछ विशिष्ट बातों पर अधिक बल दिया। जिन नैतिक सिद्धान्तों का इन दोनों मतों ने प्रतिपादन किया है, वे उपनिषदों में वर्णित है। उपनिषदों में तो यह बात स्पष्ट कर दी गयी कि आत्म-ज्ञान के जिज्ञासु संसार से विरक्त हो अरण्य में ही रहकर चिन्तन व तप करें। स्मृति में भी मानव जीवन के चार आश्रमों का उल्लेख करते हुए संन्यास आश्रम पर अधिक जोर दिया गया। छठी शताब्दी में पाणिनि के समय ऐसे परिव्राजक संन्यासियों और ऋषियों का उल्लेख प्राप्त होता है, जिन्होंने अपने-अपने संघ समुदाय बना लिए थे। इनमें प्रमुख आजीविक, जटिलिक, मुण्ड सावक, मागान्धिक, गोमंतक, तेदण्डित थे। इनके ही समुदायों के आधार पर बुद्ध ने अपने संघ का निर्माण किया और उनके जीवन के हेतु विविध नियमों तथा उपनियमों की रचना की थी। सत्य बात तो यह है कि उस समय जनता ब्राह्मणों की प्रभुता, कर्मकाण्ड की निरर्थकता तथा नैतिकता व तपस्या के सिद्धान्तों से ऊब गयी थी। उसके लिए बाह्य आडम्बर पूर्ण रक्तिम यज्ञ तथा रहस्यवाद से ओत-प्रोत उपनिषद् समान रूप से जटिल एवं दुर्बोध हो गये थे। वह सरल धर्म, व्यावहारिक तथा सादे आचार विचार के लिए तरस रहे थे। इस आवश्यकता को जैन तथा बौद्ध धर्म ने पूर्ण किया। अतएव दोनों ही धर्म भारत के आध्यात्मिक जीवन के विकास के महत्वशाली अंग हैं। दोनों ही
SR No.022848
Book TitleAacharya Premsagar Chaturvedi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjaykumar Pandey
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2010
Total Pages502
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size36 MB
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