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________________ भारतीय संस्कृति पर बौद्ध एवं जैन परम्परा का प्रभाव इस आन्दोलन का नवीन दर्शन बाह्यरूप में असामाजिक पर आन्तरिक रूप में अजातीय था। इसने जाति और समाज की कट्टरता का विरोध किया। इसने विशुद्ध व्यक्तिवाद, तथा अध्यात्मवाद का उपदेश दिया। इसने समाज की स्थिरता, जातिहीनता, असमानता तथा उसकी स्वतंत्रता, का प्रतिपादन किया। इसने मानव-बुद्धि-विवेक की पवित्रता तथा उसकी स्वतंत्रता का प्रतिपादन किया। इसने इस बात को भी न्याय संगत बताया कि प्रत्येक स्त्री तथा पुरुष को मनुष्य के नाते स्वयं अपना भाग्य-निर्माण करने और मोक्ष प्राप्त करने का अधिकार है। ___इस आन्दोलन का अन्तिम उद्देश्य पार्थिव नहीं अपितु आध्यात्मिक था। जीवन को सामाजिक ढांचे में नहीं वरन् अध्यात्मवाद के ढांचे में ढालना था। समय की अन्तरात्मा अनेक सुधारवादी आन्दोलनों के रूप में प्रकट हुई। रक्तिम यज्ञों और निरर्थक जटिल कर्मकाण्ड में जनता का विश्वास ज्यों-ज्यों कम होता जा रहा था, मानव के दयावादी और आस्तिक वादी आन्दोलन अधिक प्रबल होते जा रहे थे। ये आन्दोलन मानव उन्नति को मनुष्य की आध्यात्मिक प्रगति के रूप में नापते थे। जीवन अध्यात्मवाद का एक साधन माना जाता था। इन नये आन्दोलनों के चिन्तक विशुद्ध बुद्धिवादी थे। ये पूर्णतया दार्शनिक थे जिन्होंने यह कल्पना की थी कि जीवन ज्ञान और शक्ति का एक तत्व ज्ञान है। ___ आध्यात्मिक नेतृत्व ब्राह्मणों एवं याज्ञिकों के अधिकार से निकलकर परिव्राजकों, वैरागियों तथा सन्यासियों के हाथों में आ गया था। इन्होंने सांसारिक तृष्णा, वासना तथा लालसा के विनाश पर अधिक जोर दिया। संन्यासियों और परिव्राजकों ने वेदों की प्रामाणिकता तथा वैदिक पुरोहितों की प्रधानता को अस्वीकार किया तथा रक्तिम यज्ञों का जो ब्राह्मणों की क्रिया विधियों का बहुत प्रमुख भाग था, विरोध किया तथा ईश्वर के अस्तित्व को भी स्वीकार नहीं किया। उन्होंने घोषणा की कि उचित आचार विचार ही संसार और कर्म की भूल भुलैया में से निकलने का एक मात्र साधन है। इस ठीक और उचित आचार-विचार में अन्य गुणों के अतिरिक्त अहिंसा व्रत भी था। इन परिव्राजक उपदेशकों में सबसे महान क्षत्रिय राजकुमार वर्धमान महावीर और गौतम बुद्ध
SR No.022848
Book TitleAacharya Premsagar Chaturvedi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjaykumar Pandey
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2010
Total Pages502
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size36 MB
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