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________________ 300 श्रमण-संस्कृति शाक्य गणतंत्र का उल्लेख प्राप्त नहीं होता। शाक्य जनता कौशल नरेश को कर देती थी लेकिन वहाँ की आंतरिक व्यवस्था को शाक्य प्रशासन ही देखता था। बुद्ध ने इसी शाक्य गणराज्य में राजा शुद्धोदन के यहाँ जन्म लिया था। इस गणराज्य की राजधानी कपिलवस्तु थी। बुद्धकाल तथा उससे पूर्व के ग्राम-नगर बौद्धकाल पर अनुसंधान कार्य कर रहे विद्वानों का मत है कि तत्कालीन भारतीय जीवन में अन्य राष्ट्रों (मिस्र, मेसोपोटामिया और चीन) के विपरीत भौगोलिक प्रभावों की अपेक्षा आर्थिक स्थितियों और सामाजिक संस्थाओं का प्रभाव अधिक रहा है। तत्कालीन भारतीय सामाजिक व्यवस्था ग्रामों पर आधारित थी। वैसे इस बात को पूरी तथ्यपरकता के साथ नहीं कहा जा सकता कि बुद्ध-काल में ग्राम्य-संगठनों की रूप-रेखा क्या थी। फिर भी इतना तो स्पष्ट है कि विभिन्न क्षेत्रों में स्थित विभिन्न गांवों की व्यवस्था रीति-रिवाज तथा भूमि-ग्रहण के संदर्भ में भिन्न थी। साथ ही, समुदाय के अधिकारों के संदर्भ में गृहस्थ के व्यक्तिगत अधिकरों में भी भिन्नता पाई जाती थी। आरंभिक शतियों में लिखे गए भारतीय इतिहासकारों की यह धारणा भी भ्रामक है कि भारत-विजय के दौरान आर्य जिन जातियों और कबीलों के सम्पर्क में आए, वे सभी बर्बर थे। ठीक है, उस काल-खंड के भारत में कतिपय पहाड़ी कबीले थे, जिप्सी थे और जंगलों में रहने वाले शिकारी भी थे लेकिन इनके साथ-साथ अनके ऐसी जातियां और समुदाय भी थे जो एक निश्चित स्थान पर निवास करते थे और जिनका सामाजिक संगठन अत्यंत दृढ़ था और जो हमलावरों का सामना करने में सक्षम और सम्पन्न थे। अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने का उनमें अदम्य साहस भी था। वैसे भारत जैसे विशाल देश में भूमि के लिए संघर्ष करने के अवसर कम ही आते थे। देश की विशालता के अनुपात में समुदाय और कबीले अल्प थे जो विशाल नदियों और घने जंगलों के द्वारा एक-दूसरे से अलग होते थे। कहा जा सकता है कि ऐसी स्थिति में स्वतंत्र रूप से विकास करने और साथ ही सौहार्दपूर्ण पारस्परिक संबंधों को बनाने के पर्याप्त अवसर उपलब्ध थे। ऐसी परिस्थितियों में विभिन्न समुदायों और कबीलों की भिन्न-भिन्न मान्यताओं का प्रचलन समझ में आता है लेकिन इसके साथ-साथ यह भी सत्य है कि जीवन-पद्धतियों, मान्यताओं और परिवेश - गत भिन्नताओं के
SR No.022848
Book TitleAacharya Premsagar Chaturvedi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjaykumar Pandey
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2010
Total Pages502
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size36 MB
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