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________________ 248 श्रमण-संस्कृति तथा जीमूतवाहन ने 'कालविवेक' में प्रमुख तीर्थ स्थलों में सांस्कृतिक एवं आर्थिक पक्षों पर प्रकाश डाला है। जीमूतवाहन के 'कालविवेक' से हमें तीर्थ स्थलों के बारे कुछ नये विचार दिखाई पड़ते हैं जो ज्योतिष की गणना पर आधारित थे। उनके अनुसार माघ में पुष्कर में स्नान, कृष्ण पक्ष में गया, पौष में नर्मदा, चैत्र में सालिग्राम, पुन्डरीक, शुक्लपक्ष में, प्रभास और तेजस् अमावस्या में, यमुना में, माघ कृष्ण चतुर्दशी को इसी तिथि को माघ और पौष में चन्द्रभागा नदी में स्नान करने से व्यक्ति सारे पापों से मुक्त हो जाता है ।" माघ पूर्णमासी पर्व पर स्नान करने के बारे में लिखा है कि प्रयाग में स्नान सर्वोत्तम है। इसी प्रकार फाल्गुन में नैमिषारण्य तथा चैत्र में सालग्राम, वैसाख में गंगाधर, ज्येष्ठ में पुरुषोत्तम, अषाढ़ में कनखल, श्रावण में केदार, भादों में बद्रीनाथ, अश्विन में ऋषिकेश, कार्तिक में पुष्कर, अगहन में कान्यकुब्ज, पौष में अयोध्या, आदि के बारे में कहा गया है कि इन तीर्थस्थलों पर स्नान से सभी पाप धुल जाते हैं । इस सम्बन्ध में एक अन्य महत्वपूर्ण बात यह है कि ये सभी तीर्थ स्थल उत्तर भारत के हैं इसमें एक भी तीर्थ स्थल दक्षिण भारत के नहीं हैं। इनमें 12 प्रसिद्ध तीर्थस्थल तो हिमालय की तराई में स्थित हैं जो स्नान दान की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण थे। बल्लालसेन ने 'दानसागर' में 27 पवित्र नदियों में स्नान-दान की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया गया है, जिसमें से 15 पवित्र नदियों का उल्लेख 'लक्ष्मीधर ' ने अपनी रचना में किया है। जबकि 27 पवित्र स्थल श्राद्ध आदि की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताये थे। इसी प्रकार 68 ऐसे तीर्थ स्थल हैं, जिनकी चर्चा लक्ष्मीधर ने नहीं किया है किन्तु बल्लालसेन के 'दानसागर' में महत्वपूर्ण बताया गया है। ये सभी तीर्थ स्थल मत्स्यपुराण के आधार पर पहचाने गये हैं। इनमें से अनेक प्राचीन तीर्थस्थलों को पी० पी० काणे, नन्दूलाल डे, पहचान नहीं कर सके। लगता है कि मत्स्यपुराण में वर्णित में तीर्थ स्थलों के नाम तत्कालीन समय में दूसरे नामों से प्रसिद्ध थे। जिसमें से प्रसिद्ध तीर्थस्थलों की चर्चा लक्ष्मीधर एवं बल्लालसेन ने की है। कुछ समकालीन अन्य साक्ष्यों में इन तीर्थस्थलों के नाम आये हैं जिसमें कल्याणी के चालुक्य, सोमेश्वर द्वारा
SR No.022848
Book TitleAacharya Premsagar Chaturvedi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjaykumar Pandey
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2010
Total Pages502
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size36 MB
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