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________________ 416 जैन संस्कृति का इतिहास एवं दर्शन 88. हरिवंशपुराण, भारतीय ज्ञानपीठ काशी, सन् 1662, 5/586-591 89. आदिपुराण, 16/214 90. कोटीशतं त्रिषष्टयग्रभशीतिश्चतुरुत्तराः । लक्षा नन्दीश्वरद्वीपो विस्तणौ वर्णितो जिनैः ॥ षट् त्रिशच्च सहस्रं च कोटियो नियतानि च । द्वादशैव सहस्रेदे तथा सप्त शतानि च॥ अष्टोत्सेध चतुर्व्यासगाह त्रिद्वार भास्वराः । ते द्विपद्याशदाभान्ति नन्दीश्वर जिनालयः ॥ - हरिवंशपुराण, ज्ञानपीठ सं० 5/647, 648, 678, 682 अरुणं नवमं द्वीप सागरोद्ररुणक संशकः । अरुणोद् भासनामान मरुणोद्भास सागरः ॥ कुण्डलव दधिः ।........ ततः शंखवर द्वीपं सशंखवर सागरः ॥ स्वयंभूरमणाभिख्यौ सर्वान्त्यौद्वीषसागरौ॥ • वही (हरिवंशपुराण), 5/617, 618, 626 - 91. 92. जलयरजीवा लवणे काले यंतिमसयंभूरमणे य। कम्ममहीपडीबद्धेण हि सेसे जलयरा जीवा । आदिपुराण, 4/49 त्रिलोकसार, गा० 320 93. 94. जम्बू, प्लक्षाद्वयौ द्वीपो शाल्मलश्चापरो द्विजः । कुशः क्रौञ्चस्तथा शाकः पुष्करश्चैव सप्तमः ॥ विष्णुपुराण, 2/5 95. हरिवंशपुराण, 5/628,629, त्रिलोकसार, गा० 319 96. दक्षिणा परतो मेरोः सीतोदायस्तटे परे । निषधस्य समीपस्थं राजतं शाल्मली स्थल ॥ जम्बूस्थल समे तत्र शाल्मली वृक्ष इष्यते । वक्तव्या तस्य निःशेषा जम्बूवृक्षस्य वर्णना ॥ - हरिवंशपुराण, 5 / 187-188 97. Ray chaudhory, H. C. - Studies in Indian Antiquities, 66 P.T. 5 98. हरिवंशपुराण, 5/4-5 99. वही, 5/6-7 100. मार्कण्डेय पुराण का सांस्कृतिक अध्ययन, डॉ. वासुदेव अग्रवाल, पृ० 139 101. महाभारत भीष्मपर्व अ० 7, वाल्मिकी रामायण, किष्किंधा काण्ड 43 सर्ग 102. स्त्रीराज्यदेवास्तस्याग्रे वीक्ष्यकम्पादि विक्रियाम् । द्वयाज्जामपादवान्॥ राज० ग० 4 / 175 - 31, हिन्दी विश्वकोष तृतीय भाग, उत्तराकुरुशब्द, To 208 103. नीलमन्दर मध्यस्था उत्तराः कुरबो मताः स्थितास्तु देवकुरवः सुमेरु निषद्यान्तरे ॥ हरिवंशपुराण, 5/167 104. बुद्धकालीन भारतीय भूगोल, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, 105. थेरी गाथा - अट्ठकथा, पृ० 187-188 106. आदिपुराण, 16/152-156 107. अंगुत्तर निकाय, पालिटेक्स्ट सोसायटी, पहली जिल्द, पृ० 213 108. वृहत्कल्पसूत्र भाष्य - वृत्ति 3263, 3275, 32891 उत्तराकुरवोऽविस्त संo 2018 -
SR No.022845
Book TitleJain Sanskruti Ka Itihas Evam Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMinakshi Daga
PublisherRajasthani Granthagar
Publication Year2014
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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