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________________ नग्मता ५८ . . श्वेताम्बर-दिगम्बर भाग पहिला की अनुक्रमणिका नाम अधिकार मुनि-आचार विश्वव्यापि धर्म १ स्कंदक सत्कार आजीवक से उत्पत्ति गणधर-घोडा कुछकुछ प्रमाण गोचरी-भ्रमण मुनि-उपधि अजैन से आहार परिग्रहण लक्षण (भ० शीतलनाथ) शूद्रसे गौचरी __ (बैबल-त्रिपीटक) शूद्रका पानी मिर्गन्थ (४२) १३ खडे खडे आहार अचेल परिषह (एकासन-आदि) जिनकल्प प्रत्याख्यान आव० उपधि त्याग एक दफे आहार मोरपीच्छ आदि (तप-परिभाषा) पांच जातिके वस्त्र मांस (अष्ट मूल गुण) सीर्फ नग्नता ही... यादव-मांस जितेन्द्रियता (मयूरपीच्छ-चा) आचेलक्य-कल्प २९ रात का पानी सामायिक में वस्त्र काम भोग (अतिथि संविभाग) उत्सर्ग-अपवाद गुणस्थानमें वस्त्र कृत्रिम-जिनवाणी केवलज्ञानमें वस्त्र (विष्णुकुमार मुनि) उपधिके दि० पाठ (धर्मद्वेषी को दंड) ऊन-पीछे धर्मलाभ-धर्मवृद्धि पात्र :४४ मोक्ष-योग्य रात्रिभोजन आदि) गृहस्थ (भरतचक्रवर्ती-पाठ) उपधि-उपाधि :४८ (भावलिंग-प्रधानता) उपधि से लाभ आभूषण द्रव्यलिंगके खिलाफ (पाण्डव-सममरण) २८ ६४ ६७ Co ७३ -७४ १४८
SR No.022844
Book TitleShwetambar Digambar Part 01 And 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarshanvijay
PublisherMafatlal Manekchand
Publication Year1943
Total Pages290
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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