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________________ लिये खेलती हुई बगीचे में से निकल कर आई, DESTREPTEMBER कुमार को देख कर वह अपने कमल, सें. दैतपक्ति और काना काछ कर सकेत करके वापिस प्रसन्नचित्त अपने RSE : m ... कुमार भी उसके संकेत को न समझ कर अपने साथ निराशा लिये पुनः उस तौर पर श्री पहुंचा जहाँ पर उसका मित्र उसकी प्रतीक्षा में खड़ा था । उसने अपने मित्र को उस कन्या द्वारा किये गये सारे संकेत कह सुनाये। मित्र बड़ो बुद्धिमान् था। वह बात की बातमें सारी बात समझ गया । उसने कहा "मित्र ! सुनो ! यह दंतपुर नरेश कर्णदेव महाराज की पद्मावती नामक कन्या है और आपमें 'अनुरामवती है।" यह सुन कर राजकुमार बहुत प्रसन्न हुआ मित्र सहित उस कन्या के नगर में जा पहुंचा। . वहाँ पर अपने मित्र के साथ वह एक माली के घर पर ठहरा मंत्रीपुत्र ने सारी बात का पता लगा करें औरमालिन को कुछ लोभ देकर उसे अपना संदेश राजकुमारी तक पहुंचा देने के लिये राजी कर लिया। मौलिने उनका संदेश लेकर राजकुमारी के पास पहुंची और मौका पाकर उसने उससे कहा, "राजकुमारी जिस ... 1: A . ..
SR No.022727
Book TitleShreechandra Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurvacharya
PublisherJinharisagarsuri Jain Gyanbhandar
Publication Year1952
Total Pages502
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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