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________________ (२१६) 1 अह खर-वराह-जंबुय-लक्खंका दुक्खिया होति ।। वट्टे पायंगुढे अणुकूला होइ भारिया तस्स । 3 अंगुलि-पमाण-मेत्ते अंगुढे भारिया दुइया ।। जइ मज्झिमाएँ सरिसो कुल-वुड्डी अह अणामिया-सरिसो । 5 सो होइ जमल-जणओ पिउणो मरणं कणिट्ठीए ।। पिहुलंगुटे पहिओ विणयग्गेणं च पावए विरहं । 7 भग्गेण णिच्च-दुहिओ जह भणियं लक्खणण्णूहिं ।। दीहा पएसिणी जस्स होइ महिलाहि लंघिओ पुरिसो । 9 स च्चिय मडहा कलहप्पियस्स पिय-पुत्त-विरह वा ।। अह मज्झिमा य दीहा धण-महिलाणं विणासणं कुणइ । 11 तइया दीहा विजाहिवाण मडहा पुणो कण्णा ।।। जइ दीहा तुंगा वि या पएसिणी पेच्छसे कट्ठिा वा । 13 तो जणणी जणयं वा मारेइ ण एत्थ संदेहो ।। उत्तुंग-णहा धण्णा पिहुलेहिँ णरा सुहाइँ पावेंति । 15 रुक्खेहिँ दुखिया वि य आयरिस-समेहिँ रायाणो ।। तंबहिँ दिव्व-भोगी सुहिओ पउमेहिँ णरवई-पुत्तो । 17 समणो सिएहिँ पाएहिँ फुल्लिएहिं च दुस्सीलो ।। मझे संखित्त-पायाणं इत्थि-कज्जो महं भवे । 19 णिम्मंसा उक्कडा जे य पाया ते धण-वज्जिया ।। जे दीह-थूर-जंघा वराह-जंघा य काय-जंघा य । 21 ते दीह-दुक्ख-भागी अद्धाणं णिच्च पडिवण्णा ।। जे हंस-आस-वारण-चक्काय-मोर-मयवइ-वसह-समा । ___ 1)P अहि for अह. 3) P अंगुलपमाण. 4) J अहमणामिआ सरिसा । ता होइ जमडजणओ. 6) P पिहुलंगुट्ठो. 8) P दीहाए for दीहा, P महिलाइं लंघिउं. 9) P विरहो व्व. 10) J om. य. 15) J आयरिय, P आयंस. 16) P दीह for दिव्व, J भागी for भोगी, J पाएहिं for पउमेहिं, J रत्ता for पुत्तो. 17) P सिएहिं पीएहिं वम्हहा दुस्सीलो फुल्लि०, J om. च, P om. दुस्सीलो. 18) J मज्झें, P कजे वहंतवे. 20) J थूल for थूर. 22) P हंसचायडचक्कामोरायमयवइसमाहिं, J मयवसह.
SR No.022708
Book TitleKuvalaymala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2011
Total Pages240
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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