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________________ में धारण कर लिया था। । किशोरावस्था में रावण ने अपने शत्रुओं के संहारार्थ विद्याओं को सिद्ध किया इस हेतु वह भीमारण्य में गया। " प्रारंभ में उन्होंने अष्टाक्षरी विद्या को सिद्ध किया। फिर पोडसाक्षरी विद्या की साधना करते समय जंबूद्वीप के यक्ष ने विघ्न डालना प्रारंभ किया। १ रावण सहित सभी भाई मौन एवं स्थिर रहे । यक्ष की सुन्दर पलियों ने नर्तन किया, कामेच्छा जाहिर की, स्वयं यक्ष ने भी उन्हें भगाने की चेष्टा की, परंतु असफलता ही हाथ लगी। यक्ष ने अपनी माया से सेवकों द्वारा पहाड़ों को उखाड़ रावणादि के सामने फेंका, सर्प एवं सिंह के रुप में उनके आगे अनेक प्राणियों को उपस्थित किया । रीछ, बाघ, विडाल आदि द्वारा भयभीत किया ” गया, यहाँ तक कि रावण के माता-पिता, भाई-बहन आदि को बाँधकर उनके सामने करुण विलाप करते हुए उपस्थित किया। परंतु रावण अविचल रहा। 23 अंत में यक्षसेवकों ने रावण के मायावी माता-पिता का रावणादि के समक्ष शिरोच्छेदन कर दिया। 24 परंतु रावण नि:शंक एवं अविचलित रहा। फिर यमदूतों ने विभीषण, कुंभकर्णादि के मस्तक काटकर रावण के आगे फेंक दिए, स्वयं रावण का मस्तक काटकर कुंभकर्ण एवं विभीषण के आगे फेंका फिर भी रावण विद्यासिद्धि में ध्यानमग्न ही था। 25 उसका तत्कालीन धैर्य भूधर-तुल्य था। 26 उसी समय प्रकाश बिखराती हुई एक हजार विद्याएँ रावण के सम्मुख उपस्थित हुईं। " ऐसे किशोर रावण ने दिशाओं की साधन से श्रेष्ठ चंद्रहास खड्ग को भी सिद्ध कर दिया। 28 (द) विवाह एवं पुत्र प्राप्ति : सुरसंगीत नामक नगर के विद्याधर मय की पत्नी हेमवती से मंदोदरी नामक पुत्री का जन्म हुआ। मंत्री की सलाह-अनुसार हजार विद्याओं की सिद्धिप्राप्त कर्ता रावण के नगर स्वयंप्रभ के लिए मय राजा ने मंदोदरी सहित सपरिवार प्रस्थान किया। 30 शुभ दिवस देखकर सुमाली एवं मय राजाओं ने रावण एवं मंदोदरी का विवाह किया। 1 मंदोदरी के साथ क्रीडारत रावण ने मेघरथ पर्वत पर छः हजार कन्याओं को देखा। रावण के रुप पर मोहित हो वे सभी कन्याएँ रावण से परिणय हेतु प्रार्थना करने लगीं। जिनमें मुख्यतः सुरसुन्दरी पुत्री पद्मावति, मनोवेगा एवं बुध की पुत्री अशोकलता, कनकपुत्री विद्युत्प्रभा, आदि थीं। 34 उन सभी कन्याओं का रावण से गाँधर्व विवाह हुआ। सुग्रीव की बहन श्रीप्रभा का विवाह भी रावण से हुआ। 6 अनेक राजकुमारियों को रावण ने बलात् हरण कर अपनी पत्नी वनाया।" नित्यालांक विद्याधर की पुत्री रत्नावली का विवाह भी रावण से हुआ। इस प्रकार मंदोदरी. पद्मावति. अशोकलता. विदयुत्प्रभा, श्रीप्रभा एवं रत्नावली ये सभी रावण की पत्नियाँ थी। इनके साथ छः हजार गाँधर्व विवाह 70
SR No.022699
Book TitleJain Ramayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishnuprasad Vaishnav
PublisherShanti Prakashan
Publication Year2001
Total Pages216
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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