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________________ मरण, मूत्र को रोकने से दृष्टिहानि और वमन के निरोध से कुष्ठ रोग की उत्पत्ति होती है ।' T 'दशवेकालिक' संज्ञक आगम में कहा गया है 'मल-मूत्र के वेग को न रोके । मल- मूत्र की बाधा होने पर प्रासुक स्थान देख कर, ग्रहस्वामी की आज्ञा ले, उससे निवृत्त हो जाए 2 शारीरिक वेगों को रोकने से अनेक प्रकार के स्थविर ने मलमूत्रादि के आवेगों को रोकने से होने कहा है – मूत्र का वेग रोकने से चक्षु की ज्योति नष्ट होती है । से जीवनी शक्ति का नाश होता है । है । वीर्य का वेग रोकने से पुरुषत्व नष्ट होता है । या कोढ भी हो जाता है | 4 रोग उत्पन्न होते हैं । अगस्त्य सिंह वाले रोगों का दिग्दर्शन कराते हुए मल का वेग रोकने ऊर्ध्ववायु को रोकने से कुष्ठरोग उत्पन्न होता वमन को रोकने से 'वल्गुली' रोग, व्याधि और आतंक में अन्तर बताया देर से होती है, किन्तु व्याधि से वह शीघ्र मर धियों का उल्लेख मिलता है : गया है । जाता है । श्वास, कास, ज्वर, दाह, कुक्षिशूल, भगन्दर, अर्श, अजीर्ण, दृष्टिशूल, मूर्धशूल, अरोचक, अक्षिवेदना, कर्णवेदना, कण्डू, जलोदर और कुष्ठ । 5 1 अपस्मार, 'आचाराङ्गसूत्र' में 16 रोगों का उल्लेख है - गंडी ( गण्डमाला), कुष्ठ, राजयक्ष्मा, काणिय ( काण्य, अक्षिरोग), झिमिय ( जड़ता ), कुणिय ( हीनाङ्गता खज्जिय ( कुबड़ापन ), उदररोग, मूकत्व, सूनीय (शोथ ), गिलासणि ( भस्मकरोग), वेवई (कम्पन), पीठसप्पि पंगुत्व), सिलीवय ( श्लीपद या फीलपांव ) और मधुमेह | " 1 बृहत्कल्पभाष्य 314380 2 दशकालिक 511119 3 अगस्त्य चूरिण - — 'मुत्तनिरोहे चक्खु वच्यनिरोहे य जीविय चयति । उड्ढ निरोहे कोट, सुक्कनिरोहे भवइ श्रपुमं ।। की मृत्यु रोग से मनुष्य निम्न 16 प्रकार की व्या अष्टांगहृदय सूत्र-4।1-4 पर वेगनिरोधजन्य रोगों का वर्णन है । 4 जिनदासचूरिंग पृ. 354-355 [ 30 भवहरिकरण मुहे अग्गिसियं वंतं तस्स पडिपीयरणं निशीय भाष्यपीठिका 230 ग तहा विहिय भवति, तं श्रतीव रसे न बलं, नउच्छाहकारी, विलीगतया य पडिएति, वग्गुलिं वा जरणयति ततो कोढ वा जरगति । 5] विपाक सूत्र 1, 7 पृ. 6 आचारांगसूत्र 6।1। 73, विपाक, 1 पृ. 7, निशीथ भाष्य 1113646, उत्तराध्ययनसूत्र 10127, निशीथभाष्य 11599 पर मूत्रशर्करा ( मुत्तसक्कर) का उल्लेख है । ] •
SR No.022687
Book TitleJain Aayurved Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajendraprakash Bhatnagar
PublisherSurya Prakashan Samsthan
Publication Year1984
Total Pages196
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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