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________________ १०७ () ९९ १० और और खूब और खूब ९९ १६ प्रसिद्धी. प्रसिद्धि १०० ५,६,८,१०,११,बाल्याखिल्ल बाल्यखिल इस यह १९ वैदूर्य वैर्य १०८ इन दिनों इन दिनों इनका खड्ग हो लेलिया खड्ग लेलिया १११ ३ झण्डेके । झूठेके ११२ भटमण्डल भामण्डल ११९ २२ अपशकुन परन्तु अपशकुन हुए परन्तु ૧૨૨ होकर गिर गये . होकर लक्ष्मण गिर गये १२५ रामपक्षके कुछ कुछ पुरुष रामपक्षके कुछ पुरुष ૧૩૧ षियोगका वियोगका ૧૩૧ ૧૨ तिथिकी तिथि आदिकी १३३ १२,१ राज्यभिषेक • राज्याभिषेक ૧૩૪ धीरतामें वीरता की १४० ૨૨ मुझे ૧૨ इन ૧૪૮ 3 दुत्कृत्य दुष्कृत्य १५० कैवल्यी केवली ૧૫૧ चलकर चयकर १५२ कुदुम्ब कुटुम्ब ૧૫૨ हो गया होगया होगा। १० सम्बंधमें यदि कुछ सम्बंधमें कुछ ૧૫૮ ૧૧ ५. प्रीवका पुत्र पचास ग्रीवका पुत्र पुलसप हुआ। पुलस्त्य हुआ। वनमें वनकी १६० परांगमुख पराङ्मुख पद युवराज युवराज पद सुझे ૧૪ १५६ १५९ ४ २.
SR No.022684
Book TitlePrachin Jain Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurajmal Jain
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1923
Total Pages182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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