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________________ प्राचीन जैन इतिहास । पाठ १२. अरहनाथ स्वामीके समय के अन्य प्रसिद्ध पुरुष । (१) भगवान् अरहनाथके कालमें चक्रवर्ति, नारायण, वलदेव आदिके सिवाय जो प्रसिद्ध पुरुष हुए हैं उनमें से कुछ पुरुषोंकी जीवन घटना इतिहास में मिलती है शेषकी नहीं । इन पुरुषोंका नाम इस भांति हैं- सहस्रबाहु, पारताख्य, कृतवीर्य, जमदग्नि, परशुराम स्वेतराम । २३ (२) सहस्रबाहु अयोध्याका राजा था । और पारताख्य कान्यकुब्जका राजा था । यह सहस्रबाहुका ससुर था, इसने अपनी पुत्री चित्रमती सहस्रबाहुको दी थी । (३) जमदग्नि पारताख्यका मानेज श्रीमतीका पुत्र था । श्रीमती मर जानेके कारण पारताख्य तापसी होगया था । (४) कृतवीर्य सहस्रबाहु का पुत्र था । (५) एक वार स्वर्ग में पूर्व जन्मके दो मित्र उत्पन्न हुए । इन दोनोंके पूर्व जन्म के नाम दृढ़ग्राही और हरिशर्मा था । दृढ़ग्राही क्षत्रिय राजा था और हरिशर्मा ब्राह्मण था । राजा दृढ़ग्राहीने जैन साधुओं की दीक्षा ली थी। और हरिशर्मा तापशी हुआ था। दोनों मरकर स्वर्गमें उत्पन्न हुए । दृढ़ग्राही राना मर कर सौधर्म देव हुआ और हरिशर्मा ज्योतिषी देव | स्वर्ग में ग्राही राजा जीव सौधर्मने हरिशर्माके जीव ज्योतिषी देवसे कहा कि देखो हम जिन दीक्षाके प्रतापसे उच्च श्रेणीके देव हुए और तुम तापस हुए जिसके कारण निम्न श्रेणीका देव होना पड़ा ।
SR No.022684
Book TitlePrachin Jain Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurajmal Jain
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1923
Total Pages182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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