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________________ भौगोलिक सामग्री नगर मथुरा मथुरा शूरसेन की राजधानी थी। मथुरा उत्तरापथ की एक महत्त्वपूर्ण नगरी मानी गयी है। यहाँ सर्वरत्नमय स्तूप का उल्लेख मिलता है।३४ मथुरा में अंतिम केवली जम्बूस्वामी का निर्वाण हुआ था, इसलिए सिद्ध क्षेत्रों में इसकी गणना की गई है।३५ मथुरा को व्यापार का मुख्य केन्द्र बताया गया है, और वस्त्र के लिये यह विशेष रूप से प्रसिद्ध था।३६ यहाँ के लोगों का मुख्य पेशा व्यापार था, खेतीबारी यहाँ नहीं होती थी।३७ उज्जयिनी उज्जयिनी अवन्ति देश की राजधानी थी। यह नगर व्यापार का बड़ा केन्द्र था। यहाँ के व्यापारी विभिन्न देशों में व्यापार के लिए जाते थे। इसकी पहचान आधुनिक उज्जैन से की जाती है जो शिप्रा नदी के किनारे स्थित है। उज्जयिनी दक्षिणापथ का सबसे महत्त्वपूर्ण नगर था।३८ आनन्दपुर उत्तर गुजरात में आनंदपुर (बड़नगर) भी जैन श्रमणों का केन्द्र था।२९ आनन्दपुर के निवासी सरस्वती नदी के पूर्वाभिमुख प्रवाह के पास शरद ऋतु में संखडि त्योहार मनाते थे। सेलपुरे इसितलागम्मि होति अट्ठाहिया महामहिमा । कोंडलमेंढ पभासे, अब्बुय पादीणवाहम्मि ।।४० भृगुकच्छ बृहत्कल्पभाष्य में भृगुकच्छ (वर्तमान भड़ौंच, गुजरात) का उल्लेख प्राप्त होता है। यह एक प्रसिद्ध व्यापारिक केन्द्र था और सुवर्णभूमि (वर्मा) के साथ इसका व्यापार होता था।२ भृगुकच्छ (भड़ौंच) और ताम्रलिप्ति (तामलुक) द्रोणमुख कहे जाते थे जहाँ जल एवं स्थल मार्गों से व्यापार होता था।३ आवश्यकचूर्णि से ज्ञात होता है कि भृगुकच्छ और उज्जैन के बीच २५ योजन का अन्तर था।४ व्यंतर कुण्डलमेंठ के सम्मान में यहाँ उत्सव मनाया जाता था।४५
SR No.022680
Book TitleBruhat Kalpsutra Bhashya Ek Sanskritik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendrapratap Sinh
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2009
Total Pages146
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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