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________________ महाकवि धनञ्जय : व्यक्तित्व एवं कृतित्व शब्दकोष है। संस्कृत विद्यार्थियों को कण्ठस्थ करने के लिये यह बहुत ही उपयोगी है । इसमें १७०० शब्दों के अर्थ दिये गये हैं । बड़े ही कौशल से संस्कृत भाषा के पर्यायवाची शब्दों का चयन करके इस कोश का संग्रहण किया गया है। शब्द से शब्दान्तर बनाने की प्रक्रिया भी अद्वितीय है। उदाहरणतया पृथ्वी शब्द के आगे धर या धर के पर्यायवाची शब्द जोड़ देने से पर्वत के नाम पति या पति के समानार्थक स्वामिन् आदि शब्द जोड़ देने से राजा के नाम एवं रुह शब्द जोड़ देने से वृक्ष के नाम हो जाते हैं।२ इस पर अमरकीर्ति कृत नाममालाभाष्य उपलब्ध है। (३) अनेकार्थनाममाला भारतीय ज्ञानपीठ, काशी से सन् १९५० ई. में प्रकाशित नाममाला के साथ ४६ श्लोक प्रमाण की अनेकार्थनाममाला भी सम्मिलित है । इसे भी धनञ्जय की कृति माना गया है। इसमें एकाधिक अर्थ बताने वाले शब्दों को संकलित किया गया है। (४) यशोधरचरित भट्टारक ज्ञानकीर्ति (विक्रम सं. १६५०) ने अपने यशोधरचरित में अपने से पूर्ववर्ती सात यशोधरचरितों के रचयिताओं का नामोल्लेख किया है, उन सात में एक नाम धनञ्जय का भी है । यदि भट्टारक ज्ञानकीर्ति ने उक्त सभी ग्रन्थों को देखकर ही यह उल्लेख किया है, तो समझना चाहिए कि विक्रम सं. १६५० तक धनञ्जय कृत यशोधरचरित उपलब्ध था। २. १. कवेर्धनञ्जयस्येयं सत्क्वीनां शिरोमणेः। प्रमाणं नाममालेति श्लोकानां च शतद्वयम् ॥ धनञ्जयनाममाला,२०२ तत्पर्यायधरः शैलस्तत्पर्यायपतिर्नृपः। ___ तत्पर्यायरुहो वृक्षःशब्दमन्यं च योजयेत् ॥ धनञ्जयनाममाला,७ एवं इस पर अमरकीर्ति विरचित भाष्य द्रष्टव्य -डॉ. कस्तूरचन्द कासलीवाल : राजस्थान के जैन सन्त-व्यक्तित्व एवं कृतित्व, जयपुर,१९६१,पृ.२११ तथा नाथूराम प्रेमी:जैन साहित्य और इतिहास,बम्बई,१९५६, पृ.११० व ४२१
SR No.022619
Book TitleDhananjay Ki Kavya Chetna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBishanswarup Rustagi
PublisherEastern Book Linkers
Publication Year2001
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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