SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 66
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सन्धान- कवि धनञ्जय की काव्य-चेतना संस्करण) में, जिसका अंग्रेजी अनुवाद १९६३ ई. में वाराणसी से प्रकाशित हुआ, पृ. ७५ पर यह स्वीकार करते हैं कि धनञ्जय ने ११२३-११४०ई. के मध्य श्रुतकीर्ति के नाम से राघवपाण्डवीय ग्रन्थ लिखा । उन्होंने कदम्बवंशीय कामदेव (११८२-९७ई.) के सभाकवि कविराज से उन्हें पूर्ववर्ती माना । वे वामन की काव्यालंकारवृत्ति' में उल्लिखित कविराज से भिन्न हैं । ४६ ए.बी. कीथ १९४८ ई. में आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस से प्रकाशित अपने 'ए हिस्ट्री ऑफ संस्कृत लिटरेचर' में पृ. १३७ पर कहते हैं कि दिगम्बर जैन लेखक धनञ्जय जिन्हें सम्भवत: श्रुतकीर्ति कहा जाता था, ने ११२३ और ११४० ई. के मध्य अपना ग्रन्थ लिखा । इसके पश्चात् कविराज का नाम आता है, जिनका वास्तविक नाम कदाचित् माधव भट्ट था और जिनके आश्रयदाता कदम्बवंशीय राजा कामदेव (११८२-९७ई.) थे । एस. के. डे १९६२ ई. में कलकत्ता विश्वविद्यालय से प्रकाशित अपने ‘संस्कृत साहित्य के इतिहास', भाग १ में पृ. ३४० पर कहते हैं कि वासुदेव और श्रीदेवी के पुत्र दिगम्बर जैन धनञ्जय अर्थात् श्रुतकीर्ति त्रैविद्य का राघवपाण्डवीय, जिसे द्विसन्धान-काव्य भी कहा गया है, ११२३ और ११४० ई. के मध्य लिखा गया । इसके पश्चात् कविराजकृत एक और राघवपाण्डवीय उपलब्ध होता है । कविराज का वास्तविक नाम सम्भवत: माधव भट्ट था । इन्होंने जयन्तपुरी के कादम्ब कामदेव (११८२-९७ई.) के आश्रय से प्रसिद्धि प्राप्त की । डॉ. पाठक के मत की समीक्षा धनञ्जय के काल-विषयक डॉ. पाठक के मत की आर. जी. भण्डारकर, ए. वैंकटसुब्बइया े, ए.एन. उपाध्ये, वी. वी. मिराशी' प्रभृति विद्वानों ने आलोचना की १. काव्यालंकारवृत्ति, ४.१.१०. २. रिपोर्ट आन दी सर्च फार मैनुस्क्रिप्ट्स इन दी बाम्बे प्रेसीडेंसी ड्यूरिंग दी इयर्स १८८४-८५,१८८५-८६ तथा १८८६-८७, बम्बई, १८९४, पृ. १९-२० ३. JBBRAS (न्यू सीरीज), भाग ३, १९२७, पृ.१३६-१३८ ४. श्री १०८ चारित्रचक्रवर्ती आचार्य शांतिसागर स्मृति ग्रन्थ, फलटण, १९७३, ५. पृ. ३०९-१० लिटरेरी एण्ड हिस्टोरिकल स्टडीज इन इन्डोलोजी, दिल्ली, १९७५, पृ. २८-३०
SR No.022619
Book TitleDhananjay Ki Kavya Chetna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBishanswarup Rustagi
PublisherEastern Book Linkers
Publication Year2001
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy