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________________ २३० सन्धान कवि धनञ्जय की काव्य-चेतना अपंगों तथा कुबड़ों को गुप्तचर बनाकर राज्य की सुव्यवस्था, शासन का पूर्णतया पालन तथा प्रजा की सुख-सुविधा की देखरेख की जा सकती है । १ २. दूत 1 एक राजा से दूसरे राजा तक सन्देश पहुँचाने का कार्य दूत ही करते थे । ये राजनीतिज्ञ तथा कुशल वक्ता होते थे । इस सन्दर्भ में हनुमान अथवा श्रीशैल का दूत- कार्य विशेष द्रष्टव्य है । ३ ३. कंचुकी ४ अन्तःपुर का विश्वासपात्र सेवक । ४. कुब्ज' यह अन्त:पुर में रहकर राजकुमारों की सेवा करता था । राजकुमारों का मनोरंजन करना ही इसका मुख्य कार्य प्रतीत होता है । नपुंसक ह ५. इनका मुख्य कार्य अन्त:पुर की रक्षा करना था । अन्तःपुर में स्त्रियों की उपस्थिति के कारण इन प्रहरियों का नपुंसकत्व उल्लेखनीय है । ६. भडुए ये स्त्री-वेशधारी पुरुष अथवा हिजड़े हो सकते हैं । इनका प्रमुख कार्य मनोरंजन करना प्रतीत होता है । द्विस., २.१५-१७ १. २ . वही, १३.१ विशेष द्रष्टव्य - वही, १३.१६-३६ ३. ४. वही,३.१३ वही,३.१५,२१ ५. ६. वही, ३.१५ ७. वही, १.३०
SR No.022619
Book TitleDhananjay Ki Kavya Chetna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBishanswarup Rustagi
PublisherEastern Book Linkers
Publication Year2001
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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