________________
★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★
श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला-ग्रन्थाङ्कः-१४६
॥श्री महावीरजिनेन्द्राय नमः ।। ॥ श्रीमणिबुद्ध्याणंद-हर्षकर्पूरामृतसूरिभ्यो नमः ।। पूज्याचार्यदेवश्रीमदानन्दविमलसूरिशिष्यप्रवर-श्रीविजयविमलगणि विरचित वृत्तियुतं श्री महावीर जिन दीक्षित श्रुतस्थविर मुनिवर प्रणीतं
ॐ श्री तन्दुलवैचारिक-प्रकीर्णकम् ॥
सम्पादकः संशोधक श्चतपोमूर्ति पूज्याचार्यदेवश्री विजयकर्पूरसूरीश्वर-पट्टधर-हालारदेशो
द्धारक पूज्याचार्यदेवश्री विजयामृतसूरीश्वर-पट्टधरः पूज्याचार्यदेवश्री विजयजिनेन्द्रसूरीश्वरः
卐
विद्वद्वर्य प्रकृष्टवक्ता स्वर्गीय पूज्य पन्न्यासश्री भद्रानंदविजयगणिवर-सदुपदेशेन मुंबई-वालकेश्वर श्री श्रीपालनगर जैन श्वे. मू. देरासर ट्रस्ट इत्यनेन प्रदत्तसाहाय्येन
प्रकाशयित्रीश्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला लाखाबावल-शांतिपुरी (सौराष्ट्र)
★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★