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________________ əəəə. श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला-ग्रन्थाङ्कः १३ε 5 श्री महावीर जिनेन्द्राय नमः 5 ।। पू. आ. श्रीविजयकर्पूरामृतसूरिभ्यो नमः ।। 24600 सावचूर्णिकं श्री महावीरस्वामिहस्तदीक्षितश्री वीरभद्रमुनिवर्यप्रणीतं चतुःशररण- प्रकीर्णकम् सम्पादकः संशोधकश्व तपोमूर्ति-पूज्याचार्यदेवश्री विजयकर्पू रसूरीश्वर पट्टधरहालारदेशोद्धारक पूज्याचार्यदेवश्री विजयामृतसूरीश्वरपट्टधरः पूज्याचार्यदेवश्री विजयजिनेन्द्रसूरीश्वरः 卐 पूज्याचार्यदेवश्री विजय जिनेन्द्रसूरीश्वर - सदुपदेशेन जेतपुरवास्तव्य श्रेष्ठिवर्यश्री चोकसी जयंतिलाल हीराचन्द वसा (राजकोट) इत्यनेन प्रदत्तसहाय्येन ....(७) 卐 प्रकाशयित्री श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला लाखाबावल - शांतिपुरी (सौराष्ट्र)
SR No.022604
Book TitleChatusharan Prakirnakam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1985
Total Pages56
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_chatusharan
File Size4 MB
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