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________________ विश्वपूज्य श्रीविजयराजेन्द्रसूरीश्वरेभ्यो नमः । श्री दशवैकालिक सूत्र शब्दार्थ - भावार्थ प्रथम द्रुम पुष्पिका ध्ययनम् 'उत्कृष्ट मंगल एवं धर्मस्वरूप' तवो । धम्मो मंगलमुक्तिठं, अहिंसा संजमो देवा वि तं नमसंति, जस्स धम्मे सया मणो ॥ १ ॥ शब्दार्थ-अहिंसा जीवदया संजमो संयम तवो तप रूप धम्मो सर्वज्ञभाषित धर्म मंगलं सर्व मंगल में क्ठिं मंगल है जस्स जिस पुरुष का मणो मन सया निरन्तर धम्मे धर्म में लगा रहता है तं उसको देवा वि इन्द्र आदि देवता भी नमसंति नमस्कार करते हैं। - दया, संयम और तप रूप जिनेश्वर - प्ररूपित धर्म सभी मंगलों में उत्कृष्ट मंगल है। जो पुरुष धर्माराधन में लगे रहते हैं, उनको भवनपति, व्यन्तर, ज्योतिष्क और वैमानिक इन चार निकाय के इन्द्रादि देवता भी वन्दन करते हैं। प्राणातिपात, मृषावाद, अदत्तादान, मैथुन, परिग्रह इन पांच आश्रवों का त्याग करना, पांचों इन्द्रियों का निग्रह करना, क्रोध, मान, माया, लोभ इन चार कषायों को जीतना और मन, वचन, काया इन तीन दंडों को अशुभ व्यापारों में न लगाना; ये सतरह प्रकार का संयम है और अनशन,' ऊनोदरिका, ' वृत्तिसंक्षेप, रसत्याग, कायक्लेश' संलीनता, प्रायश्चित, विनय' वैयावृत्य, स्वाध्याय, कार्योत्सर्ग; १२ यह बारह प्रकार का तप है। १० ६ ध्यान, 66 " आहार कैसे लेना ?" जहा दुमस्स पुप्फेसु, भमरो आवियड़ रसं । नय पुप्फं किलामेइ, सो य पीणेड़ अप्पयं ॥ २ ॥ एमे समणामुत्ता, जे लोए संति साहुणो । विहंगमा व पुप्फेसु, दाणभत्तेसणे रया ॥ ३ ॥ शब्दार्थ — जहा जिस प्रकार भमरो भँवरा दुमस्स वृक्ष के पुप्फेसु फूलों के ११ १ आहार को छोड़ना, २ छोटा कवल लेना, ३ धीरे-धीरे आहार आदि को घटाना, ४ विगय को छोड़ना, ५ लोच, आतापना आदि करना, ६ पांचों इन्द्रियों को वश में रखना, ७ पापों की आलोयणा लेना, ८ निष्कपटरूप से अभ्युत्थान आदि बर्ताव रखना, ९ गुरु आदि की सेवा कारक, १० पढे हुए ग्रन्थों का पुनरावर्तन करना या सूत्रों को वांचना, ११ पिंडस्थ, पदस्थ, रूपस्थ, रूपातीत आदि अवस्थाओं का चिन्तन करना, १२ नियमित समय के लिये काया को वोसिराना (शरीर की मूर्छा उतार देना) । श्री दशवैकालिक सूत्रम् / ५
SR No.022576
Book TitleDashvaikalaik Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayanandvijay
PublisherGuru Ramchandra Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages140
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashvaikalik
File Size12 MB
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