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________________ ३२ ] तत्त्वाथ सूत्रजैनाऽऽगमसमन्वयः दसणलद्धी खोवसमिआ सामाइअचरित्तलद्धी एवं छेदोवठ्ठावणलद्धी परिहारविसुद्धिअलद्धी सुहुमसंपरायचरित्तलद्धी एवं चरित्ताचरित्तलद्धी खओवसमिआ दाणलद्धी एवं लाभ० भोग० उपभोगलद्धी खोवसमिआ वीरिअलद्धी एवं पंडिअवीरिअलद्धी बालवीरिअलद्धीबालपंडिअवीरिअलद्धी खोवसमिआ सोइन्दियलद्धी जाव खओवसमिआ फासिंदियलद्धी खोवसमिए आयारंगधरे एवं सुअगडंगधरे ठाणंगधरे समवायंगधरे विवाहपण्णत्तिघरे नायाधम्मकहा० उवासगदसा० अंतगडदसा० अणुत्तरोववाइअदसा० पाहावागरणधरे विवागसुअधरे खोवसमिए दिठिवायधरे खोवसमिए णवपुव्वी खोवसमिए जाव चउद्दसपुव्वी खओसमिए गणी खओवसमिए वायए, से तं खोवसमनिप्फएणे । से तं खोवसमिए । से किं तं पारिणामिए ? दुविहे पएणत्ते, तं जहा-साइपारिणामिए अ अणाइपारिणामिए अ। से किं तं साइपारिणामिए ? अणेगविहे पण्णत्ते, तं जहा जुएणसुरा जुगणगुलो जुगणघयं जुगणतंदुला चेव । अब्भा य अन्भरुक्खा संझा गंधव्वणगरा य ॥२४॥ उक्कावाया दिसादाहा गज्जियं विज्जणिग्घाया जवया जक्खादित्ता धूमिआ महिआ रयुग्घाया चंदोवरागा सूरोवरागा चंदपरिवेसा सूरपरिवेसा पडिचंदा पडिसूरा इन्दधणू उदगमच्छा कविहसिया अमोहा वासा वासधरा गामा णगरा घरा पव्वता
SR No.022531
Book TitleTattvartha Sutra Jainagam Samanvay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Maharaj, Chandrashekhar Shastri
PublisherLala Shadiram Gokulchand Jouhari
Publication Year1934
Total Pages306
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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