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शुभ-संवाद अतीव हर्ष के साथ, सूचित किया जाता है कि-विक्रमाब्द १६६१ कार्तिक शुक्ला चतुर्दशी-चातुर्मास्य समाप्ति के दिन महावीर भवन में, प्राकृत साहित्य
एवं जैनागमों के प्रतिष्ठा प्राप्त विद्वान् उपाध्याय जैनमुनि श्री आत्मारामजी महाराज (पंजाबी), श्री श्वेताम्बर स्थानक बासी जैन संघ देहली द्वारा
'जैन धर्म दिवाकर' पद से विभूषित किये गये हैं।
निवेदकशादीराम गोकुलचंद जौहरी
धन्यवाद [१] २५०) रु० के मूल्य की पुस्तकों के ग्राहक श्रीमान सेठ छोटेलाल जी
पहलावत, मलवर । [२] ५०० प्रति के कागज का मूल्य श्रीमान् लाला कुन्दनलाल जी पारख
सुपुत्र लाला शादीराम जी मालिक फर्म मानसिंह जी मोतीराम जी जौहरी मातीवाड़ा देहली ने दिया। शेष सम्पूर्ण व्यय श्री महावीर जैन भवन चांदनी चौक देहली के कोष में से दिया गया है।
- भवदीयगोकुलचंद नाहर।