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________________ तत्त्वार्थसूत्र का व्याख्या साहित्य 207 18. आचार्य श्रुतसागरकृत (16वीं शती) 8000 श्लोक प्रमाण श्रुतसागरीय तत्त्वार्थवृत्ति । 19. आचार्य श्रुतसागरकृत द्वितीय तत्त्वार्थसुबोधिनी 20. उपाध्याय यशोविजय विरचित भाष्यतर्कानुसारिणी टीका। 21. चिरन्तनमुनिवर्य प्रणीत तत्त्वार्थ-टिप्पणक। 22. पं. सदासुखदास (ई. 1783-1863) कृत अर्थप्रकाशिका एवं लघुभाषा वचनिका टीका। इनके साथ ही और भी टीकायें होंगी, जो मेरी जानकारी में नहीं आ सकीं। किन्तु विशेष ध्यातव्य है कि श्वेताम्बर परम्परा में भी इस ग्रन्थ का बहुमान होने से इस परम्परा के आचार्यों ने भी अनेक बृहद् टीकायें लिखीं। इनमें से आचार्य सिद्धसेनगणिकृत तत्त्वार्थभाष्यवृत्ति एवं आचार्य हरिभद्रसूरि प्रणीत तत्त्वार्थभाष्यवृत्ति नामक संस्कृत टीकायें काफी लोकप्रिय हैं। इसी परम्परा में बीसवीं सदी के महान् चिन्तक एवं विद्वान् प्रज्ञाचक्षु विद्वान् स्व. पं. सुखलाल संघवी की हिन्दी-गुजराती टीका एवं विवेचना बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ प्रस्तुत है प्रमुख टीका साहित्य ग्रन्थों का परिचयसर्वार्थसिद्धिः पाँचवीं सदी के उत्कृष्ट दार्शनिक, वैयाकरण, वैद्य, मन्त्रद्रष्टा एवं तत्त्ववेत्ता सुविख्यात आचार्य पूज्यपाद देवनन्दि ऐसे महान् सारस्वताचार्य हैं, जिनका भारतीय संस्कृति को विविध रूपों में महनीय योगदान है। कर्नाटक में मैसूर के समीप स्थित कनकगिरि श्रीक्षेत्र इनकी साधना स्थली रहा है। पूज्यपाद के देवनन्दि, जिनेन्द्रबुद्धि, यश:कीर्ति, गुणनन्दि जैसे नामों का उल्लेख शिलालेखों में मिलता है, यथा - यशः कीर्ति यशोनन्दी देवनन्दि महामतिः। श्री पूज्यपादापराख्यो यः गुणनन्दि गुणाकरः।। पूज्यपाद ने सर्वार्थसिद्धि के अतिरिक्त अनेकविध साहित्य का सृजन किया है। इनमें से जैनेन्द्रव्याकरण, इष्टोपदेश, समाधितंत्र, दशभक्ति, शान्त्यष्टक, सारसंग्रह, चिकित्साशास्त्र, जिनाभिषेक, सिद्धिप्रियस्तोत्र, जैनेन्द्रन्यास एवं शब्दावतार न्यास। इनमें से सारसंग्रह, जैनेन्द्रन्यास एवं चिकित्साशास्त्र - इन ग्रन्थों का उल्लेख तो इनकी रचनाओं के रूप में मिलता है, किन्तु ये ग्रन्थ वर्तमान में
SR No.022529
Book TitleStudies In Umasvati And His Tattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorG C Tripathi, Ashokkumar Singh
PublisherBhogilal Laherchand Institute of Indology
Publication Year2016
Total Pages300
LanguageEnglish, Sanskrit, Hindi
ClassificationBook_English & Book_Devnagari
File Size23 MB
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