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________________ जैन-बौद्ध वाङ्मय में वर्णाश्रमधर्म और संस्कार 463 (श्रावक के योग्य व्रतों का स्वीकरण) और 16. अन्त्य संस्कार (संलेखना आराधना एवं मृतदेह- अग्निसंस्कार)। इन 16 संस्कारों में वैदिक परम्परा के संस्कारों से विशेष भेद नहीं है। किन्तु इनका सम्पादन जैन सिद्धान्तों की व्याख्या के अनुरूप किया गया है। वर्धमानसूरि ने इन संस्कारों की जैन दृष्टि से विवेचना की है। इनमें व्रतारोपण संस्कार जैन परम्परा का विशिष्ट संस्कार है, जिसके अन्तर्गत कोई गृहस्थ अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और परिग्रह-परिमाण नामक पाँच अणव्रतों को स्वीकार करता है तथा इनके साथ दिक्परिमाण आदि तीन गुणव्रत और सामायिक आदि चार शिक्षाव्रतों का आधान करता है । कहीं वह श्रावक के सामान्य गुणों एवं नियमों को अंगीकार करता है। ___ साधुकेलिएनिरूपित 16 संस्कार जैन परम्परा का वैशिष्ट्य है। वे 16 संस्कार हैं-1.ब्रह्मचर्यव्रतग्रहणविधि, 2. क्षुल्लकविधि (पूर्णतः साधुबनने के पूर्वव्रतों के अभ्यास की विधि), 3. प्रव्रज्याविधि (साधु-साध्वी के रूप में दीक्षाविधि), 4. उपस्थापनाविधि (महाव्रत-आरोपणविधि), 5. योगोद्वहनविधि (मन, वचन एवं काया से), 6. वाचनाग्रहण विधि (आगमपाठ ग्रहणविधि), 7. वाचनानुज्ञाविधि (आगमवाचना-प्रदानआज्ञाविधि),8.उपाध्यायपदस्थापनाविधि,9. आचार्यपदस्थापनाविधि, 10. भिक्षुप्रतिमाउद्वहनविधि, 11. साध्वीदीक्षाविधि, 12. प्रवर्तिनीपदस्थापनाविधि, 13. महत्तरापदस्थापनाविधि, 14.अहोरात्रिचर्याविधि, 15.ऋतुचर्याविधि और 16. संलेखनाविधि। वैदिक परम्परा में सन्तजीवन के लिए वानप्रस्थ एवं संन्यास संस्कार के अतिरिक्त संस्कार का उल्लेख नहीं मिलता है। आठ संस्कार ऐसे हैं, जो गृहस्थ और साधु दोनों के लिए उपयोगी हैं1. प्रतिष्ठाविधि (प्रतिमा की प्रतिष्ठासम्बन्धी विधि), 2. शान्तिकर्म (शान्ति उत्पादकविधि), 3. पौष्टिककर्म (सत्कार्य पोषणविधि), 4. बलिविधानविधि, 5. प्रायश्चित्तविधि (दोष शुद्धि हेतु प्रायश्चित्त स्वीकरण), 6. आवश्यकविधि (सामायिक आदि षड् आवश्यकों का आचरण), 7. तपविधि और 8. पदारोपणविधि। इन आठ संस्कारों का सम्बन्ध साधु-साध्वी और श्रावक-श्राविका सभी से है।
SR No.022522
Book TitleJain Dharm Darshan Ek Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2015
Total Pages508
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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