SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 31
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ॥ देवाधिदेवश्री संभवनाथाय नमः॥ ॥नमो नमः श्री लब्धिसूरये ॥ : शुभाशिष : विटा संघना उपकारी, श्री संभवनाथप्रभुना प्रतिष्ठाचार्य श्रीमद्विजय पुण्यानंदसूरीश्वरजी महाराजा प्रेरणा : गणिवर विक्रमसेनविजय म.सा. वि.सं. २०६८ वर्षे पू. साध्वीवर्या उदयप्रभाश्रीनी निश्रामां पर्युषणपर्वनी आराधनामां ज्ञानद्रव्यनी उपजमांथी विशिष्ट निधि अर्पण करी ज्ञान प्रकाशननो लाभ लीधो. : अनुमोदना : श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ वर्धमान सेवा समिति विटा (सांगली), महाराष्ट्र ॥ श्री मुनिसुव्रतस्वामिने नमः ॥ ॥श्री लब्धिसूरये नमो नमः॥ ज्ञा ज्ञानद्रव्य- दीधुं दान... उपकार मानीये तमारो महान... शुभाशिष : पू. तपागच्छाचार्य लब्धिसूरीश्वरजी महाराजाना समुदायना पू. सूरिमंत्रआराधक आचार्यश्री पुण्यानंदसूरीश्वरजी महाराजा : प्रेरणा : गणिवर विक्रमसेनविजय म.सा. :: अनुमोदक श्री मुनिसुव्रतस्वामी जैन श्वेतांबर मंदिर ट्रस्ट लक्ष्मीपुरी-कोल्हापुर (महाराष्ट्र) 26
SR No.022496
Book TitleTattvanyaya Vibhakar Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLabdhisuri, Bhadrankarsuri, Vikramsenvijay
PublisherLabdhibhuvan Jain Sahitya Sadan
Publication Year2013
Total Pages776
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy