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________________ -६४ ] समवायविचारः २१९ यवावयविनोराधाराधार्यभावाभावो विभाव्यते । तथा जम्बीरमातुलिङ्गादिद्रव्येषु रूपरसगन्धस्पर्शानां मध्याधःपार्श्वभागेष्वपि सद्भावात् आधार्या गुणाः आधारो द्रव्यम् इत्यप्यसंभवाद् गुणगुणिनोरप्याधार्याधारभावा. भावो निश्चीयते । तथा जातिव्यक्तीनामपि । आधार्याधारभावो नोपपनीपद्यते । तन्मते जातीनां नित्यत्वेन अन्याश्रितत्वानुपपत्तेः । तथा हि । जातिरन्याश्रिता न भवति अगुणत्वे सति नित्यत्वात् सर्वगतत्वाच्च आकाशवदिति जातीनामन्याश्रितत्वानुपपत्तेः जातिव्यक्तीनामपि आधार्याधारभावाभावोऽनुमन्तव्यः । तथा पटादिद्रव्याणां मध्याधःपार्श्वभागेऽपि क्रियाप्रवर्तनाप्रतीतेराधार्याः क्रियाः पटादिव्यमाधार इत्यनुपपत्तेः क्रियातद्वतोरप्याधार्याधारमा गभावः स्यात् । अथ अधःपतनप्रतिबन्धहेतुराधार इति चेन्न । तन्तूनां पटस्याधःपतनप्रतिवन्धकत्वाभावेन आधारत्वाभावप्रसंगात् । गुणजातिक्रियाणामपि गुरुत्वाभावेन अधःपतनासंभवाद् गुणिव्यक्तिक्रियावतां तत्प्रतिबन्धकत्वानुपपत्त्याधारत्वाभावप्रसंगाच्च । ननु पृथक्रियाप्रतिबन्धक आधार इति चेत् तथापि गुणजातिक्रियाणामद्रव्यत्वेन क्रियारहितत्वाद् गुणिव्यक्तिक्रियावतां तत् प्रतिबन्धकत्वाभावेन वस्त्र कहा जाता है- तन्तुओं से सर्वथा भिन्न कोई वस्त्र नहीं होता, घास की गड्डी घास से भिन्न नही होती उडद का ढेर. उडद से भिन्न नही होता। वृक्ष अवयवी है, शाखाएं अवयव हैं इन में भी वृक्ष ऊपर है, शाखाएं नीचे हैं यह कथन संभव नही है। जंबीर, मातुलिंग आदि फलों में रूप, रस, गन्ध, स्पर्श ये गुण हैं-इन में भी फल ऊपर है, गुण नीचे हैं यह कथन संभव नहीं है। न्यायमत में जाति (सामान्य) को नित्य माना है-- वह किसी पर आश्रिा नही हो सकती, वह गुण नही है, नित्य है तथा सर्वगत भी मानी गई है । अतः जाति और व्यक्ति में भी आधार, आधार्य यह सम्बन्ध सम्भव नही है । वस्त्र आदि द्रव्य नीचे हैं, क्रिया ऊपर है यह कथन भी संभव नही है । तात्पर्य आधार नीचे होता है, आधार्य ऊपर होता है इस प्रकार से अवयव, अवयवी आदि में कोई सम्बन्ध नही माना जा सकता । जो नीचे गिरने से रोके वह आधार है यह १ गोत्वं जातिः गौर्व्यक्तिः। २ नित्याश्रितो गुणो नित्यः क्वचिदस्ति अतः अगुणत्वे सतीति ।
SR No.022461
Book TitleVishva Tattva Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh
Publication Year1964
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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